अनंत चतुर्दशी 2025: भगवान विष्णु की अनंत रूपों की पूजा का पर्व

अनंत चतुर्दशी 2025 का पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है, जो 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान के अनंत रूपों की पूजा की जाती है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करते हैं। आचार्य श्रीधर शास्त्री के अनुसार, इस दिन व्रत करने से सभी पाप मिटते हैं। जानें इस पर्व का महत्व और शुभ समय।
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अनंत चतुर्दशी 2025: भगवान विष्णु की अनंत रूपों की पूजा का पर्व

अनंत चतुर्दशी का महत्व


अनंत चतुर्दशी, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपने अनंत रूप में प्रकट होते हैं और भक्तों की सभी परेशानियों को दूर कर उन्हें सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करते हैं। यह त्योहार व्यक्ति के जीवन में अनंतता और भगवान विष्णु में अडिग विश्वास का प्रतीक माना जाता है।


अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि और शुभ समय

अनंत चतुर्दशी 2025: भगवान विष्णु की अनंत रूपों की पूजा का पर्व

वर्ष 2025 में, अनंत चतुर्दशी का व्रत शनिवार, 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन का शुभ समय सुबह 6:02 बजे से प्रारंभ होगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी ज्ञात और अज्ञात पाप मिट जाते हैं और मोक्ष का फल प्राप्त होता है।


आचार्य श्रीधर शास्त्री का दृष्टिकोण

आचार्य श्रीधर शास्त्री ने बताया विशेषताएँ।
प्रसिद्ध धार्मिक आचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, अनंत चतुर्दशी का पर्व पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। भगवान के मत्स्य, परशुराम, वामन, श्री कृष्ण और कल्कि जैसे रूपों का स्मरण विशेष फलदायी माना जाता है।


अनंत रूपों का ध्यान और फल

अनंत रूपों का ध्यान और फल।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों का ध्यान करने से व्यक्ति को लाखों गुना फल प्राप्त होता है। कहा जाता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान के सभी अवतार धरती पर आते हैं और अपने भक्तों को इच्छित आशीर्वाद देते हैं। इस पूजा से जीवन की सभी दुखों और समस्याओं का निवारण होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से 14 लोकों की प्राप्ति होती है।


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