2025 में देवउठनी एकादशी: भगवान विष्णु कब जागेंगे?

2025 में देवउठनी एकादशी का महत्व जानें, जब भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागेंगे। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। जानें इस दिन की तिथि और विवाह के लिए शुभ मुहूर्त।
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2025 में देवउठनी एकादशी: भगवान विष्णु कब जागेंगे?

देवउठनी एकादशी 2025

2025 में देवउठनी एकादशी: भगवान विष्णु कब जागेंगे?

देवउठनी एकादशी 2025

भगवान विष्णु कब जागेंगे 2025: हिंदू धर्म में चातुर्मास का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो आषाढ़ से शुरू होकर कार्तिक में समाप्त होता है। इस अवधि में भगवान विष्णु क्षीरसागर में निद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। चातुर्मास के दौरान सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। कार्तिक मास में चातुर्मास का समापन होता है। आइए जानते हैं कि भगवान विष्णु कब निद्रा से जागेंगे।

चातुर्मास का समापन कब होगा?

2025 में भगवान विष्णु ने 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी से शयन किया, जिससे चातुर्मास की शुरुआत हुई। चातुर्मास का समापन 1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी के दिन होगा, जब भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागेंगे और शुभ कार्य फिर से आरंभ होंगे।

देवउठनी एकादशी की तिथि

  • देव के जागने की तिथि – 1 नवंबर 2025, शनिवार।
  • देवउठनी एकादशी तिथि प्रारंभ – 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे।
  • देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त – 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे।

देवउठनी एकादशी का महत्व

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर चातुर्मास का समापन होता है, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और सभी कल्याणकारी कार्य फिर से आरंभ होते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि और मोक्ष का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवंबर 2025 विवाह मुहूर्त

चातुर्मास के समाप्त होने के बाद नवंबर में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे। विवाह मुहूर्त की शुरुआत 2 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद होगी, जिसके बाद आप विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और नामकरण जैसे मांगलिक कार्य कर सकते हैं। नवंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर को हैं।