सूर्य देव की आराधना: जानें कैसे करें और क्या हैं इसके लाभ

इस लेख में सूर्य देव की आराधना के महत्व और विधियों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे सूर्य को मजबूत किया जा सकता है और इसके लाभ क्या हैं। सरल उपायों के माध्यम से आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
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सूर्य देव की आराधना के लाभ

ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। यह आत्मा, पिता, मान-सम्मान, सरकारी नौकरी, उच्च पद और स्वास्थ्य का प्रतीक है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य मजबूत है, तो उसे जीवन में यश और सफलता प्राप्त होती है। इसके विपरीत, कमजोर सूर्य आत्मविश्वास की कमी, सरकारी कार्यों में बाधा और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो नियमित आराधना और कुछ सरल उपायों से इसे मजबूत किया जा सकता है। आइए जानते हैं सूर्य देव की आराधना की विधि और प्रभावी उपाय, जो आपके भाग्य को चमका सकते हैं।


सूर्य देव की आराधना की विधि

सूर्य अर्घ्य देना: प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, अक्षत और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे सूर्य की शक्ति में वृद्धि होती है।


सूर्य मंत्र का जप: सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का 11 या 108 बार जप करें। विशेष रूप से रविवार को यह मंत्र जाप शुभ फल देता है।


रविवार का व्रत: सूर्य की कृपा पाने के लिए रविवार का व्रत करें। इस दिन नमक का सेवन न करें और लाल वस्त्र पहनें। दिनभर सूर्य देव का स्मरण करें और शाम को गरीबों को अन्नदान करें।


तांबे के बर्तन का प्रयोग: तांबे को सूर्य का धातु माना गया है। इसलिए रोजमर्रा की जिंदगी में तांबे के बर्तन में पानी पीना या सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी होता है।


लाल वस्त्र और दान: सूर्य को लाल रंग प्रिय है। रविवार को लाल फूल, लाल वस्त्र या गुड़ दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।


सूर्य देव का ज्योतिषीय महत्व

सूर्य को आत्मा और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है। यह सिंह राशि का स्वामी है और पिता, आत्मबल, नेत्र, हृदय और सरकारी कार्यों का कारक है। कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। यदि सूर्य शुभ स्थिति में हो, तो जातक को उच्च पद, सम्मान और समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।