भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी: पूजा और व्रत कथा का महत्व
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

Bhalachandra Sankashti Chaturthi Vrat Katha
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का महत्व: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत विशेष महत्व रखता है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। चैत्र माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करना भी आवश्यक है, जिससे सभी रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं और तरक्की के मार्ग खुलते हैं।
आज है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज, 17 मार्च को रात 7:33 बजे से शुरू हो रही है और इसका समापन 18 मार्च को रात 10:09 बजे होगा। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय के समय पूजा की जाती है, इसलिए आज भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा
प्राचीन काल में मकरध्वज नामक एक राजा थे, जो अपनी प्रजा के प्रति बहुत दयालु थे। उनके राज्य में कोई भी गरीब नहीं था और सभी लोग बुद्धिमान और धार्मिक थे। राजा के पास कोई संतान नहीं थी, लेकिन महर्षि याज्ञवल्क्य की कृपा से उन्हें एक पुत्र प्राप्त हुआ। इसके बाद राजा ने अपने राज्य का कार्यभार मंत्री धर्मपाल को सौंप दिया। मंत्री ने अपने पुत्रों का विवाह धूमधाम से किया और राज्य के धन का उपभोग करने लगे।
मंत्री के छोटे बेटे की पत्नी बहुत धार्मिक थी और उसने चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का व्रत किया। उसकी सास ने उसे तांत्रिक क्रियाओं का आरोप लगाते हुए डांटा। बहु ने उत्तर दिया कि वह संकट नाशक भगवान गणेश का व्रत कर रही है। इसके बाद, मंत्री ने अपनी पत्नी को पीटा, लेकिन बहु ने व्रत जारी रखा और भगवान गणेश से प्रार्थना की। भगवान गणेश ने राजकुमार का अपहरण कर लिया और मंत्री के महल में छिपा दिया।
राजा ने मंत्री से पूछा कि उसका पुत्र कहां है, लेकिन मंत्री ने कहा कि उसे इस बारे में कुछ नहीं पता। जब राजकुमार नहीं मिला, तो राजा ने मंत्री को धमकी दी। मंत्री ने अपनी पत्नी और पुत्रों से पूछा, और छोटी बहू ने कहा कि गणेश जी का कोप हुआ है। सभी ने मिलकर गणेश चतुर्थी का व्रत किया, जिससे गणेश जी प्रसन्न हुए और राजकुमार को प्रकट कर दिया।
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।