ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताएँ और कर्मों का महत्व

हिंदू धर्म में ग्रहण को देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान किए गए कर्मों का फल अधूरा रहता है, जिससे यात्रा, विवाह, और निवेश जैसे कार्यों को वर्जित माना जाता है। जानें इस धार्मिक मान्यता के पीछे का कारण और इसके महत्व के बारे में।
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ग्रहण का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म के शास्त्रों में ग्रहण को देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। इस समय किए गए कार्यों का फल अधूरा रहता है, जिससे वे निष्फल हो जाते हैं। इसलिए, शास्त्रों में ग्रहण के समय यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत, विवाह, व्यापार या निवेश करने से मना किया गया है।