सीवर लाइन डालने में भ्रष्टाचार, सड़क और मकान धंसे

सीवर लाइन डालने में भ्रष्टाचार, सड़क और मकान धंसे
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सीवर लाइन डालने में भ्रष्टाचार, सड़क और मकान धंसे

इन मकानों के गिरने का डर भी बना हुआ है। ऐसे में लोगों ने पूजा कर भगवान से प्रार्थना की है कि उनके मकानों को गिरने से बचाएं। हादसे से बचने के लिए सड़क पर हुए गढ्डों में लकड़ी पर लाल कपड़ा बांधकर लगाया गया है। बावजूद इसके रोजाना लोग गड्ढों में गिर रहे हैं। नूरनगर और सिहानी में सीवर लाइन डालने के कार्य में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिसका नतीजा रहा कि सीवर लाइन डालने का कार्य पूरा होते ही बारिश होने पर सड़कों पर गड्ढे हो गए। इन गड्ढों में भरा पानी अंदर ही अंदर लोगों के मकानों की नींव तक पहुंच गया है और मकान धंसने भी लगे हैं। लोगों को मजबूरी में मकान छोड़कर दूसरी जगह रहना पड़ रहा है। साथ ही  लोगों ने किया विरोध तो पहुंचे अधिकारी: बृहस्पतिवार को नूरनगर में मकान धंसने पर लोग डर गए और उन्होंने पार्षद को बुलाकर सीवर लाइन डालने के कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इसके बाद जल निगम के अधिशासी अभियंता आकाश त्यागी और नगर निगम के अधिशासी अभियंता योगेंद्र यादव ने मौके पर जाकर जांच की। दो फर्म ने किया है 

वहां पर भी ईएमएस फर्म ने ही काम किया था। इस संबंध में सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। रुपये नहीं हैं  जलनिगम के अधिशासी अभियंता आकाश त्यागी ने बताया कि नूरनगर और सिहानी में सीवर लाइन डालने का कार्य अमृत योजना के तहत कराया गया था। इसके लिए ईएमएस और टेक्नोक्राफ्ट फर्म को ठेका दिया गया था। ईएमएस को रामवीर और टेक्नोक्राफ्ट को संजय त्यागी और राजीव त्यागी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां पर गड्ढे हुए हैं, उनको भरवाने का कार्य कराया जा रहा है। इस मामले में दोनों फर्म के संचालकों को फोन कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। पूर्व के हादसों में जा चुकी है कई लोगों की जान: सीवर लाइन डालने के कार्य में लापरवाही के कारण छह माह पहले नूरनगर में एक हादसा हुआ था, जिसमें एक कर्मचारी की मौत हो गई थी। इससे पहले नंदग्राम में भी सीवर लाइन डालने के कार्य में लापरवाही की गई थी, जहां पांच कर्मचारियों की मौत हो गई थी। कि मकान बनवा सकें: नूरनगर निवासी कांति कुमार ने बताया कि मेरा मकान धंस गया है, वह कभी भी गिर सकता है। उन्होंने परिवार सहित दूसरी जगह रहना शुरू कर दिया है। उनके पास इतने रुपये भी नहीं है कि अब मकान बनवा सकें।

फर्म संचालक और एक्सईएन को निर्देश दिए गए हैं कि सड़क पर जो गड्ढे हुए हैं, उनको जल्द ही भरवाएं। इसमें लापरवाही की भी जांच कराई जाएगी। सीवर लाइन डालने का कार्य ठीक से नहीं किया गया है। खुद मेरे घर के बाहर भी सड़क धंस गई है। जलनिगम के अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। - संजीव त्यागी, पार्षद। सीवर लाइन डालने के कार्य में भ्रष्टाचार किया गया है। जिस कारण जगह-जगह गड्ढे हुए हैं। कार लेकर बाहर नहीं जा सकते हैं। कई माह से यह स्थिति है। - शिवम शर्मा, नूरनगर निवासी
मामला जानकारी में आया है।