ॐ का उच्चारण: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ

ॐ का उच्चारण न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यह ध्वनि शरीर और मन को संतुलित करती है, मानसिक शांति प्रदान करती है, और कई बीमारियों से मुक्ति दिला सकती है। जानें ओम के उच्चारण के वैज्ञानिक पहलू और इसके चमत्कारी लाभ।
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ॐ का उच्चारण: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ

ॐ का महत्व और अर्थ

ॐ का उच्चारण: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ


ॐ का चिन्ह अद्वितीय है और यह सम्पूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। कई आकाश गंगाएँ इसी प्रकार फैली हुई हैं। ब्रह्म का अर्थ विस्तार और फैलाव है। ओंकार ध्वनि के अनेक अर्थ हैं, जो इसे अनादि और अनंत के साथ-साथ निर्वाण की अवस्था का प्रतीक बनाते हैं।


इस ध्वनि को ओम कहा जाता है, जिसमें 'ओ' पर विशेष जोर दिया जाता है। इसे प्रणव मंत्र भी कहा जाता है, जो अनंत है। यह ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि है, जो बिना किसी टकराहट के निरंतर जारी रहती है।


ध्यान करने वाले तपस्वियों ने इस ध्वनि को सुना और इसे ओम नाम दिया। यह ध्वनि मन और आत्मा को शांति प्रदान करती है। जो लोग नियमित रूप से ओम का उच्चारण करते हैं, उनके चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


ॐ के स्वास्थ्य लाभ

हर दिन आधे घंटे तक ओम का उच्चारण करना चाहिए। इसे दुनिया का सबसे पवित्र अक्षर माना जाता है, जिसका कोई निश्चित अर्थ नहीं है। यह निराकार और असीम को प्रकट करता है। ओम की ध्वनि से शरीर में संतुलन आता है और मानसिक शांति मिलती है।


ओम का उच्चारण करने से शरीर के स्नायुतंत्र में संतुलन स्थापित होता है। इससे उत्पन्न ध्वनि शरीर को व्यवस्थित करती है और असंतुलन को दूर करती है।


प्रसिद्ध गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि नियमित ओम उच्चारण से गंभीर बीमारियाँ, जैसे कैंसर, भी ठीक हो सकती हैं।


ॐ का प्रतीकात्मक अर्थ

ॐ शब्द तीन ध्वनियों - अ, उ, म - से मिलकर बना है। ये ध्वनियाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक हैं। यह भू, भूव और स्वर्ग लोक का भी प्रतीक है।


बीमारियों से मुक्ति

तंत्र योग में एकाक्षर मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों का उच्चारण शरीर के चक्रों और हार्मोन स्राव करने वाली ग्रंथियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।


सभी मंत्रों का उच्चारण जीभ, होंठ, तालू, दाँत, कंठ और फेफड़ों से निकलने वाली वायु के प्रभाव से होता है।


ॐ उच्चारण की विधि

सुबह उठकर पवित्र होकर ओंकार का उच्चारण करें। इसे विभिन्न आसनों में किया जा सकता है। ओम का उच्चारण 5, 7, 10 या 21 बार किया जा सकता है।


ॐ के लाभ

यह उच्चारण शरीर और मन को एकाग्र करने में मदद करता है। इससे दिल की धड़कन और रक्तसंचार व्यवस्थित होता है। मानसिक बीमारियाँ दूर होती हैं और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।


आवेगों का उतार-चढ़ाव

प्रिय या अप्रिय शब्दों की ध्वनि से श्रोता और वक्ता दोनों विभिन्न भावनाओं का अनुभव करते हैं। अप्रिय शब्दों से उत्पन्न ध्वनि से दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जबकि प्रिय शब्दों की ध्वनि सकारात्मक प्रभाव डालती है।