हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता

हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। इनमें से कई नक्सली हाल ही में मारे गए माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा के साथ जुड़े हुए थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था। सरकार इन नक्सलियों को पुनर्वास की पेशकश कर रही है, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता

हैदराबाद में नक्सलियों का आत्मसमर्पण

हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता

हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने किया सरेंडर


तेलंगाना में छत्तीसगढ़ की सीमा के निकट नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। हैदराबाद में 37 नक्सलियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है। इनमें से कई नक्सली हाल ही में मारे गए कुख्यात माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा के साथ जुड़े हुए थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 12 सदस्य तेलंगाना स्टेट कमेटी के, 23 सदस्य दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के और 2 सदस्य LGA बटालियन नंबर-1 के हैं।


सभी नक्सलियों ने हैदराबाद में DGM के समक्ष अपने हथियार सौंपे। इनमें से कई पर लाखों रुपये का इनाम घोषित किया गया था। नक्सली आजाद (49), नारायण रमेश (70) और मुचाकी सोमड़ा (42) पर 20-20 लाख रुपये का इनाम था। DVCM सदस्यों पर 5-5 लाख, ACM पर 4-4 लाख, और पार्टी मेंबर्स पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था। कुल मिलाकर इन नक्सलियों पर 1 करोड़ 41 लाख रुपये का इनाम घोषित था।


हैदराबाद में नक्सलियों का सरेंडर


इनमें से कई नक्सली कई महत्वपूर्ण मुठभेड़ों में शामिल रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश नक्सली बस्तर क्षेत्र के निवासी हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी कि बस्तर पुलिस और प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर लौटने वाले माओवादियों को सुरक्षित और सम्मानजनक पुनर्वास प्रदान किया जाए। सरकार लगातार नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही है।


मारा गया हिडमा


18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीतारामा राजू जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में हिडमा समेत 6 नक्सली मारे गए। इस मुठभेड़ में हिडमा की पत्नी राजे भी मारी गई, जो DKSZCM कैडर की सदस्य थीं। दोनों का अंतिम संस्कार 20 नवंबर को उनके गांव में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।


सरकार नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर उन्हें पैसे, जमीन और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान कर रही है, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें।