हूल दिवस पर ममता बनर्जी ने आदिवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संदेश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को हूल दिवस के अवसर पर आदिवासी समुदाय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिदो मुर्मू और कान्हू मुर्मू के नेतृत्व में संथालों का संघर्ष, जो अंग्रेजों के खिलाफ था, आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
सोशल मीडिया पर बधाई
बनर्जी ने एक्स पर लिखा, "हूल दिवस के इस खास मौके पर, मैं अपने सभी आदिवासी भाइयों और बहनों को सादर नमन करती हूं। सिदो और कान्हू के नेतृत्व में संथालों का संघर्ष हमें आज भी प्रेरित करता है, जो शासकों के उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ था।"
नए विश्वविद्यालय का नामकरण
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पश्चिम बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय का नाम सिदो और कान्हू के नाम पर रखा है। यह सिदो-कान्हू-बिरसा विश्वविद्यालय पुरुलिया जिले में स्थित है और राज्य सरकार द्वारा संचालित है।
हूल दिवस का महत्व
हूल दिवस 1855-56 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए संथाल विद्रोह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। सिदो और कान्हू मुर्मू दो भाई थे, जिन्होंने इस विद्रोह का नेतृत्व किया था, जो झारखंड क्षेत्र में भोगनाडीह गांव से शुरू हुआ। इसका उद्देश्य ब्रिटिश और स्थानीय जमींदारों द्वारा संथाल लोगों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाना था।