हिरण का सांप खाना: क्या बदल रही है प्रकृति की फूड चेन?

हाल ही में एक वीडियो में हिरण को सांप खाते हुए देखा गया है, जो शाकाहारी जानवरों के व्यवहार में बदलाव का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना फूड चेन में असंतुलन का संकेत है। क्या हिरण की खाने की आदतें बदल रही हैं? जानें इस अनोखी घटना के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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हिरण का सांप खाना: क्या बदल रही है प्रकृति की फूड चेन?

हिरण का अनोखा व्यवहार


नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि क्या हिरण सांप खा सकता है? यह सवाल सुनने में अजीब लग सकता है, क्योंकि आमतौर पर हिरण को शाकाहारी माना जाता है। वे घास और छोटे पौधों का सेवन करते हैं, और चिड़ियाघरों में भी इन्हें घास खाते हुए देखा गया है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक 21 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक हिरण सांप को चबाते हुए दिखाई दे रहा है। जब भारतीय वन सेवा के अधिकारी सुशांत नंदा ने यह वीडियो देखा, तो वे भी चकित रह गए। उन्होंने इसे साझा करते हुए लिखा, 'प्रकृति को समझने में कैमरे हमारी मदद कर रहे हैं। कभी-कभी वनस्पतिजीवी भी सांप खा सकते हैं।'


इस वीडियो ने कई लोगों को हैरान कर दिया है। सौरभ माथुर ने लिखा कि यह घटना प्रकृति की अनपेक्षितता को दर्शाती है। अथि देवराजन ने भी कहा कि समय के साथ जानवरों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। कुछ लोगों ने चिंता जताई है कि फूड चेन में असंतुलन आ रहा है, क्योंकि बंदर की कई प्रजातियां भी मांस खाने लगी हैं।


क्या फूड चेन में गड़बड़ी हो रही है?


अगर हिरण के सांप खाने का वीडियो सच है, तो कई तथ्यों में बदलाव करना होगा। अब तक यह माना जाता था कि हिरण केवल पौधों का सेवन करता है। इसे शाकाहारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जैसे गाय, भैंस, और बकरी। इस वीडियो के बाद, विशेषज्ञों को नए तथ्यों पर विचार करना पड़ सकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि भूख के कारण हिरण सांप खाने पर मजबूर हुआ होगा। हिरण प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यदि इसकी खाने की आदतें बदल रही हैं, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। इससे जंगल की पारिस्थितिकी में असंतुलन आ सकता है।


फिलहाल, यह जानना महत्वपूर्ण है कि हिरण घास, मशरूम, फूल, मूंगफली, और अखरोट भी बड़े चाव से खाते हैं। राजस्थान का बिश्नोई समाज हिरणों के प्रति बहुत स्नेही है और वे हिरण के बच्चों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं।