हिमाचल में मानसून आपदाओं के बाद सड़कों का पुनर्निर्माण

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले में मानसून से प्रभावित सड़कों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी प्रमुख सड़कों को फिर से खोला गया है और संपर्क सड़कों को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। आपदा के कारण 15 लोगों की जान गई और संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने सांसदों से स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने के लिए केंद्र सरकार से समर्थन की अपील की।
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हिमाचल में मानसून आपदाओं के बाद सड़कों का पुनर्निर्माण

मुख्यमंत्री का अपडेट

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मंडी जिले में मानसून से संबंधित आपदाओं के कारण प्रभावित सभी मुख्य सड़कों को फिर से खोल दिया गया है।


सड़कें बहाल करने का प्रयास

सुक्खू ने बताया कि संपर्क सड़कों को शीघ्रता से बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने सिराज और नाचन विधानसभा क्षेत्रों के प्रभावित क्षेत्रों का तीन दिवसीय दौरा करने के बाद सुंदरनगर में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए तेजी से काम किया है।


आपदा के प्रभाव

राज्य में 150 से अधिक ट्रांसफार्मर और 800 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं, जिनमें से 143 और 204 क्रमशः मंडी जिले में हैं। मंडी के विभिन्न क्षेत्रों में 30 जून और एक जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने की 10 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें कम से कम 15 लोगों की जान गई और कई लोग लापता हो गए।


संपत्ति को नुकसान

इस आपदा ने व्यापक स्तर पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिसमें 1,184 घर, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें प्रभावित हुईं। इस आपदा में 780 पशुओं की भी मृत्यु हुई। सुक्खू ने बताया कि आपदा के पहले दिन से प्रभावित क्षेत्रों की सड़कें खोलने के लिए 50 जेसीबी मशीनें तैनात की गई थीं।


भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि चैल चौक, बगस्याड़, थुनाग, जंजैहली और छतरी की ओर जाने वाली सड़क को केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) में शामिल किया जाएगा, ताकि इसे एक समग्र सड़क के रूप में विकसित किया जा सके।


सांसदों से अपील

उन्होंने राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से भी अनुरोध किया कि वे केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करें, ताकि स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जा सके।