हिमाचल में गूगल मैप के कारण परिवार की कार बही, पुल की स्थिति पर उठे सवाल

हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में एक परिवार को गूगल मैप के कारण एक खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ा। जब वे अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने ले जा रहे थे, तो गूगल मैप ने उन्हें एक टूटे हुए पुल के रास्ते पर भेज दिया। इस घटना में उनकी कार नदी में बह गई, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनकी जान बचा ली। इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और गूगल मैप की गलत जानकारी पर सवाल उठाए हैं। जानें पूरी कहानी और पुल की स्थिति के बारे में।
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हिमाचल में गूगल मैप के कारण परिवार की कार बही, पुल की स्थिति पर उठे सवाल

गूगल मैप ने बनाया मुसीबत का रास्ता

हिमाचल में गूगल मैप के कारण परिवार की कार बही, पुल की स्थिति पर उठे सवाल


नालागढ़, हिमाचल प्रदेश में एक परिवार को गूगल मैप के कारण एक खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ा। यह परिवार अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने के लिए ले जा रहा था, लेकिन गूगल मैप ने उन्हें एक ऐसे रास्ते पर भेज दिया जो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था। इस घटना के बाद दभोटा पुलिस चौकी में मामला दर्ज किया गया है। यह घटना दो से तीन दिन पहले की बताई जा रही है।


छात्रा को ऊना में एक महत्वपूर्ण परीक्षा में शामिल होना था। परिवार ने नालागढ़ से भरतगढ़ और फिर कीरतपुर होते हुए ऊना पहुंचने का निर्णय लिया। लेकिन गूगल मैप ने उन्हें दभोटा पुल के रास्ते पर भेज दिया, जो पिछले दो वर्षों से टूट चुका है। जैसे ही उनकी कार नदी के पास पहुंची, वह तेज बहाव में फंस गई और कई किलोमीटर तक बहती रही। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी को सुरक्षित निकाल लिया। परिवार को केवल हल्की चोटें आईं, लेकिन स्थानीय लोगों ने लाखों रुपये के नुकसान की बात की।


दभोटा पंचायत के प्रधान ने गूगल मैप की इस गलती पर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि गूगल मैप टूटे हुए पुल को वैध मार्ग के रूप में दिखा रहा है, जिससे लोग इस खतरनाक रास्ते पर फंस रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि इस मार्ग पर साइनबोर्ड और बैरिकेड्स लगाए जाएं ताकि लोगों को पता चले कि यह रास्ता बंद है।


पंचायत के उपप्रधान जगतार जग्गी ने भी सरकारों की उदासीनता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में करोड़ों रुपये टैक्स वसूलने के बावजूद न तो हिमाचल की कांग्रेस सरकार और न ही पंजाब सरकार ने इस पुल के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ली। दोनों सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रही हैं, जबकि जनता हर दिन परेशान हो रही है।


दभोटा नदी पर बना पुल 2023 की भारी बारिश और बाढ़ में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन न तो हिमाचल प्रदेश सरकार और न ही पंजाब सरकार ने इस पुल के पुनर्निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया है। इसके कारण स्थानीय लोग, यात्री और ट्रांसपोर्टर भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।