हिमाचल प्रदेश में विदेश में रोजगार के अवसरों के लिए नई पहल

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विदेश में रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक नई वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने का निर्देश दिया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को बेहतर पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने केरल और तेलंगाना के रोजगार मॉडल का अध्ययन करने की भी सलाह दी है। एचपीएसईडीसी को एक पंजीकृत भर्ती एजेंसी के रूप में लाइसेंस प्राप्त हुआ है, जिससे युवाओं के कौशल विकास में मदद मिलेगी।
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हिमाचल प्रदेश में विदेश में रोजगार के अवसरों के लिए नई पहल

मुख्यमंत्री का नया निर्देश

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को श्रम एवं रोजगार विभाग को निर्देश दिया कि वे विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करें।


उन्होंने बताया कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उम्मीदवारों का विस्तृत डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे विदेशों में नौकरी पाने में पारदर्शिता, पहुंच और सुरक्षा में सुधार होगा। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य के अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) का डेटा तैयार करने का भी आदेश दिया।


अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे केरल और तेलंगाना के विदेशी रोजगार मॉडल का अध्ययन करें ताकि हिमाचल प्रदेश के लिए एक प्रभावी रणनीति विकसित की जा सके।


उन्होंने बताया कि देश में विदेश में काम करने वालों की संख्या में केरल सबसे आगे है, जहां प्रति एक हजार में 57.94 लोग विदेश में कार्यरत हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह आंकड़ा केवल 5.36 है।


एचपीएसईडीसी की भूमिका

सुक्खू ने कहा कि 'हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन' (एचपीएसईडीसी) को एक पंजीकृत भर्ती एजेंसी के रूप में लाइसेंस मिल गया है।


उन्होंने एचपीएसईडीसी को अंतरराष्ट्रीय रोजगार बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रमाणित प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि लगभग 10 हजार युवा रोजगार की तलाश में विदेश जाते हैं और 2023-24 में हिमाचलियों ने विदेशों से कुल 2,030 करोड़ रुपये भेजे।