हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से तबाही: 5 मृतक, 16 लापता

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण बाढ़ आई है, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई है और 16 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य में 406 सड़कें बंद हैं और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने नुकसान का आंकड़ा 500 करोड़ रुपये बताया है। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से तबाही: 5 मृतक, 16 लापता

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आई, जिससे पांच लोगों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए और 16 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य में मंगलवार को बादल फटने की 11 घटनाएं हुईं, साथ ही चार बार अचानक बाढ़ आई और एक बड़ा भूस्खलन भी हुआ। अधिकांश घटनाएं मंडी जिले में हुईं, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हुआ। सोमवार शाम से मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, साथ ही शनिवार को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी में भी बारिश की चेतावनी दी है।


बाढ़ के कारण हुए नुकसान

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के चलते राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें से 248 केवल मंडी जिले में हैं। मंडी में 994 ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि 30 मवेशी मारे गए हैं। मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं। मंडी जिले के गोहर, करसोग, धरमपुर और थुनाग में बादल फटने की घटनाएं हुईं।


बचाव कार्य और स्थिति

बाड़ा में दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई। करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की जान गई, जबकि जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के कारण कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटी हैं। जिले की सभी नदियां उफान पर हैं और ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।


यातायात पर प्रभाव

चंडीगढ़-मनाली चार लेन मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जबकि कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के वाहनों के लिए खुला है। यातायात संबंधी समस्याओं के कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 20 जून से मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।