हिमाचल प्रदेश में पारिस्थितिक असंतुलन पर सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ते पारिस्थितिक असंतुलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो राज्य मानचित्र से गायब हो सकता है। जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही आपदाओं के लिए मानव गतिविधियों को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। हाल ही में आई मानसूनी बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों की टीम गठित की है ताकि इन आपदाओं के कारणों का पता लगाया जा सके।
Aug 2, 2025, 13:36 IST
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सुप्रीम कोर्ट की गंभीर चेतावनी
हिमाचल प्रदेश में तेजी से बढ़ते पारिस्थितिक असंतुलन के प्रति सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि यदि स्थिति इसी तरह बनी रही, तो राज्य जल्द ही मानचित्र से गायब हो सकता है। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमाचल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है, जिसका राज्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल राजस्व अर्जित करना ही महत्वपूर्ण नहीं है; पर्यावरण और पारिस्थितिकी की कीमत पर यह संभव नहीं है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब पूरा हिमाचल प्रदेश देश के नक्शे से गायब हो जाएगा। पीठ ने कहा कि भगवान न करे ऐसा न हो।
उच्च न्यायालय के आदेश पर सुनवाई
सर्वोच्च अदालत ने यह टिप्पणी 28 जुलाई को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की जून 2025 की अधिसूचना के खिलाफ एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें कुछ क्षेत्रों को "हरित क्षेत्र" घोषित किया गया था। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप न करने का निर्णय लिया, यह देखते हुए कि अधिसूचना का उद्देश्य उन क्षेत्रों में निर्माण को प्रतिबंधित करना था। पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गंभीर पारिस्थितिक असंतुलन और अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण पिछले कुछ वर्षों में कई गंभीर प्राकृतिक आपदाएँ आई हैं। अदालत ने यह भी कहा कि ये आपदाएँ केवल प्राकृतिक नहीं थीं, बल्कि मानव गतिविधियों का भी इसमें योगदान था।
आपदाओं के लिए मानव जिम्मेदार
हिमाचल प्रदेश में आई आपदाओं के लिए केवल प्रकृति को दोष देना उचित नहीं है। पहाड़ों और मिट्टी के खिसकने, भूस्खलनों, मकानों और इमारतों के ढहने, और सड़कों के धंसने जैसी घटनाओं के लिए मानव ही जिम्मेदार है। हाल ही में हुई मानसूनी बारिश ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राज्य भर में बादल फटने की घटनाएँ भी बढ़ गई हैं। इस तबाही के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग और 290 अन्य सड़कें बंद हो गई हैं, और बाढ़ में कई घर बह गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने इस तरह की आपदाओं के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की है।