हिमाचल प्रदेश में 25,000 नई नौकरियों की घोषणा, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का बड़ा ऐलान

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का महत्वपूर्ण ऐलान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 25,000 नए पदों का सृजन करने की योजना बना रही है। यह भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। यह ऐलान उन्होंने हिमाचल प्रदेश के 55वें राज्य दिवस के अवसर पर किया। सीएम ने कहा कि चुनाव के दौरान किए गए 10 वादों में से 6 वादे पूरे कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि पिछली सरकार के लिए लिए गए कर्ज का मूलधन और ब्याज चुकाने के लिए उन्हें नए कर्ज की आवश्यकता पड़ रही है।
नौकरियों की भर्ती की प्रक्रिया
कांगड़ा जिले के बैजनाथ में आयोजित 55वें राज्य दिवस समारोह में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान रुकी हुई भर्तियों को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही 2,273 पदों को भरा गया है। इसके अलावा, सरकार विभिन्न श्रेणियों में 25,000 नए पदों का सृजन करने की योजना बना रही है, जिससे योग्य बेरोजगार युवाओं को राज्य की सेवा में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
पिछली सरकार पर सीएम का आरोप
सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार को अभी केवल 2 वर्ष हुए हैं, लेकिन राज्य की स्थिति ऐसी है कि उन्हें पिछली सरकार के कर्जों का मूलधन और ब्याज चुकाने के लिए नए कर्ज की आवश्यकता पड़ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 वित्तीय वर्षों में राज्य सरकार ने 30,080 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जिसमें से लगभग 63 प्रतिशत राशि पिछली सरकार के लिए लिए गए कर्जों के भुगतान में खर्च की गई है।
स्टार्ट-अप योजना का ऐलान
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य को 10,249 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान प्राप्त हुआ था, जो 2023-24 में घटकर 6,258 करोड़ रुपये रह गया। उन्होंने कहा कि इन वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, राज्य सरकार का ध्यान संसाधन सृजन पर है। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना की शुरुआत की है।
नीतियों में सुधार का लाभ
सीएम ने बताया कि मौजूदा सरकार ने आबकारी, पर्यटन, बिजली और खनन नीतियों में सुधार करके 2,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। यह राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हिमाचल प्रदेश के राजस्व बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया।
बिजली सब्सिडी छोड़ने वाले लोग
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने 'व्यवस्था परिवर्तन' के तहत कई आवश्यक कदम उठाए हैं, जिससे डेयरी, प्राकृतिक खेती, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की अपील पर लगभग 2000 लोगों ने स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ दी है।