हिमाचल प्रदेश के मंत्री पर एनएचएआई अधिकारी के साथ मारपीट का मामला दर्ज

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा पर एनएचएआई के अधिकारी के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। यह घटना शिमला के भट्टाकुफ्फर क्षेत्र में हुई, जहां मंत्री ने एक ढही हुई इमारत का निरीक्षण किया। एनएचएआई के अधिकारी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद मंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सरकारी प्रतिक्रिया।
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हिमाचल प्रदेश के मंत्री पर एनएचएआई अधिकारी के साथ मारपीट का मामला दर्ज

मामले का विवरण

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा के खिलाफ मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी अचल जिंदल के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया है। यह घटना उस समय हुई जब मंत्री ने शिमला के भट्टाकुफ्फर क्षेत्र में एक पांच मंजिला आवासीय इमारत के ढहने के स्थल का निरीक्षण किया। ढली पुलिस स्टेशन के एसएचओ विरोचन नेगी ने बताया कि मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।


एनएचएआई अधिकारी की शिकायत

जिंदल, जो एनएचएआई में तकनीकी प्रबंधक हैं, ने शिकायत की कि सोमवार को उनके साथ मारपीट की गई। ये धाराएं सरकारी कर्मचारियों पर हमले और आपराधिक बल के प्रयोग से संबंधित हैं। एनएचएआई अधिकारी का इलाज शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में चल रहा है।


घटना का संदर्भ

जिंदल ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 30 जून को सुबह 11:30 बजे शिमला ग्रामीण उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मंजीत शर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने गए थे, जिसमें इमारत के ढहने की समीक्षा की जानी थी। चूंकि एसडीएम कार्यालय में मौजूद नहीं थे, योगेश ने फोन पर संपर्क किया और उन्हें भट्टाकुफर में आने का निर्देश दिया गया।


एनएचएआई का पत्र

एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने घटना की गंभीरता का उल्लेख किया है। पत्र में कहा गया है कि मंत्री द्वारा एनएचएआई के अधिकारियों के साथ मारपीट की गई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।


सरकारी प्रतिक्रिया

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय से इस घटना की जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी इस मामले की जानकारी दी गई है और आगे की कार्रवाई मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी।