हिचकी: कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

हिचकी के बारे में जानें
नई दिल्ली: जब पहली बार हिचकी आती है, तो यह अक्सर लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाती है। दूसरी बार इसे मजाक में लिया जाता है, लेकिन जब यह बार-बार होती है, तो यह चिंता का कारण बन जाती है। क्या आप जानते हैं कि हिचकी क्यों होती है और इसका क्या अर्थ है? हिचकी आपके शरीर के निचले हिस्से, डायाफ्राम से शुरू होती है। यह फेफड़ों और पेट के बीच स्थित गुंबद के आकार की मांसपेशी है। सामान्यतः, जब आप सांस लेते हैं, तो डायाफ्राम नीचे की ओर खिंचता है और सांस छोड़ने पर यह अपनी सामान्य स्थिति में लौटता है। हालांकि, जब इसे कोई समस्या होती है, तो यह ऐंठने लगता है, जिससे हवा गले में रुक जाती है और 'हिच' जैसी आवाज उत्पन्न होती है।
हिचकी के कारण
हिचकी आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों शामिल हैं। यह तंत्रिका में आई समस्या के कारण हो सकती है, जो दिमाग और डायाफ्राम से जुड़ी होती है। बहुत तेजी से खाना खाने, अत्यधिक उत्साह या तनाव, कार्बोनेटेड पेय या शराब का सेवन भी हिचकी का कारण बन सकता है। तापमान में अचानक बदलाव या च्युइंग गम चबाते समय हवा का भर जाना भी हिचकी को जन्म दे सकता है।
लंबी हिचकी और इसके प्रभाव
आमतौर पर, हिचकी थोड़े समय के लिए होती है और अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कभी-कभी यह लंबे समय तक बनी रह सकती है। यह डायाफ्राम से जुड़ी नसों को नुकसान के कारण हो सकता है। कान की समस्याएं या गले में खराश भी डायाफ्राम की नसों को प्रभावित कर सकती हैं। लंबे समय तक रहने वाली हिचकी नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर से भी जुड़ी हो सकती है, जैसे एन्सेफलाइटिस, मैनिंजाइटिस, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, डायबिटीज या किडनी फेलियर। कुछ दवाएं, जैसे स्टेरॉयड या ट्रैंक्विलाइज़र, भी हिचकी को बढ़ा सकती हैं।
हिचकी के घरेलू उपाय
हिचकी को रोकने के लिए कई घरेलू उपाय बताए जाते हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सांस को थोड़ी देर रोकने से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, पेपर बैग में सांस लेना भी हिचकी को रोक सकता है। यह दोनों तकनीकें फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करती हैं, जिससे डायाफ्राम को आराम मिलता है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें
यदि आपको 2 दिनों से अधिक समय से हिचकी आ रही है, या यह आपके खाने, सांस लेने या सोने में बाधा डाल रही है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपको पेट दर्द, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी या खांसी के साथ खून आता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करें।