हिंदी भाषा का महत्व: जीएसआई सम्मेलन में चर्चा

दिल्ली में हिंदी भाषा सम्मेलन
भारत के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और खनन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक राज्य भाषा सम्मेलन शुक्रवार को नई दिल्ली के स्कोप कॉम्प्लेक्स में हुआ। इस कार्यक्रम में मीडिया, शिक्षा और मंत्रालय के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा और उसकी वैश्विक महत्वता पर ध्यान केंद्रित करना था।
हिंदी: एकता और भारतीय संस्कृति का प्रतीक
इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली की उपकुलपति डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौर ने की। इसके बाद, जीएसआई के महानिदेशक कार्यालय के उप महानिदेशक मनीष खार ने प्रतिभागियों की सराहना की और हिंदी को एकता और भारतीय संस्कृति की पहचान बताया। इस सम्मेलन में मीडिया चैनल के समूह संपादक सुषांत मोहन ने भी हिंदी पर अपने विचार साझा किए।
भारत में हिंदी का बढ़ता बाजार
प्रतिभागियों ने कहा कि हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक अवसरों का माध्यम भी है। विज्ञापन, डिजिटल मीडिया और मनोरंजन में हिंदी की महत्ता लगातार बढ़ रही है। यह व्यवसाय, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है, जो इसे वैश्विक स्तर पर उभरती हुई भाषा बनाती है।
मीडिया, सिनेमा और हिंदी
एक अन्य सत्र में यह देखा गया कि हिंदी समाचार चैनलों, समाचार पत्रों और डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों तक जानकारी आसानी से पहुंचाती है। हिंदी टीवी शो न केवल भारत में प्रसिद्ध हैं, बल्कि वे वैश्विक पहचान भी बना रहे हैं। नए प्लेटफार्म जैसे ओटीटी और सोशल मीडिया ने हिंदी को युवा पीढ़ी से जोड़ा है, जिससे यह और भी प्रभावशाली बन गई है।