हासन में दिल के दौरे के मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित

दिल के दौरे के मामलों पर शोध की आवश्यकता
हाल ही में युवाओं में दिल के दौरे के बढ़ते मामलों पर गहन अध्ययन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। बदलती जीवनशैली, खानपान और गैर-संचारी बीमारियों को दिल की समस्याओं का मुख्य कारण माना जाता है, लेकिन हासन में सामने आए मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए, विशेषज्ञों की एक टीम को शोध करने और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री का आदेश
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने हासन जिले में दिल के दौरे के मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञों से अध्ययन करवाने का आदेश दिया है। उन्होंने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि हासन जिले में पिछले एक महीने में दिल के दौरे के 18 मामलों को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है।
कोविड-19 टीकों और अचानक मौतों का संबंध
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हासन में हृदय संबंधी मौतों को कोविड-19 वैक्सीन से जोड़ने के संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देश में कई एजेंसियों द्वारा अचानक अस्पष्टीकृत मौतों की जांच की गई है। इन अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि कोविड-19 टीकाकरण और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अध्ययन यह पुष्टि करते हैं कि भारत में कोविड-19 के टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं, और इनमें गंभीर दुष्प्रभावों की घटनाएं अत्यंत दुर्लभ हैं।
जल्दबाजी में टीकाकरण का प्रभाव
हालांकि, सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की 'जल्दबाजी में मंजूरी और वितरण' भी इन मौतों का एक कारण हो सकता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि यदि उन्हें सीने में दर्द या सांस लेने में कठिनाई हो, तो वे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच कराएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि अकेले हासन जिले में पिछले महीने दिल के दौरे से 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु पर अध्ययन
आईसीएमआर के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान द्वारा किए गए पहले अध्ययन का शीर्षक 'भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु से जुड़े कारक' है। यह अध्ययन मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में किया गया था।
इसमें उन व्यक्तियों का अध्ययन किया गया जो स्वस्थ प्रतीत होते थे, लेकिन अचानक उनकी मृत्यु हो गई। निष्कर्षों ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड-19 टीकाकरण से युवा वयस्कों में अस्पष्टीकृत अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ता है।
अगले अध्ययन की जानकारी
दूसरा अध्ययन, जिसका शीर्षक 'युवाओं में अचानक अस्पष्टीकृत मृत्यु के कारणों का पता लगाना' है, वर्तमान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली द्वारा आईसीएमआर के सहयोग से किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का ट्वीट
#HealthForAll
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) July 2, 2025
Extensive studies by @ICMRDELHI and AIIMS on sudden deaths among adults post COVID have conclusively established no linkage between COVID-19 vaccines and sudden deaths
Lifestyle and Pre-Existing Conditions identified as key factorshttps://t.co/QEN1X1PKfv