हार्ट की कमजोरी के संकेत: पैरों में लक्षणों की पहचान करें

हार्ट की कमजोरी के शुरुआती संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है। पैरों में सूजन और भारीपन जैसे लक्षण हार्ट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। इस लेख में हम जानेंगे कि हार्ट की कमजोरी के अन्य लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हो सकते हैं, और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
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हार्ट की कमजोरी के संकेत: पैरों में लक्षणों की पहचान करें

हार्ट की कमजोरी के संकेत

हार्ट की कमजोरी के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि समय पर बीमारी का पता लगाया जा सके और उचित उपचार किया जा सके। पैरों में भी हार्ट से जुड़ी समस्याओं के संकेत मिल सकते हैं। इस विषय पर हमने देश के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट से जानकारी प्राप्त की है।


पैरों में लक्षणों की पहचान

हार्ट की कमजोरी के संकेत: पैरों में लक्षणों की पहचान करें


कभी-कभी पैरों में भारीपन या जूते टाइट लगना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह हार्ट की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। पैरों में भारीपन के विभिन्न प्रकार और उनकी पहचान के लिए हमने विशेषज्ञों से चर्चा की है।


यदि दिल की कोई समस्या है, तो शरीर में रक्त का प्रवाह सही से नहीं हो पाता, जिससे पैरों और टखनों में सूजन या भारीपन जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हालांकि, ये लक्षण किडनी या जोड़ों की समस्याओं के भी हो सकते हैं, लेकिन यदि अन्य समस्याएं भी हैं, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।


पैरों में हार्ट की कमजोरी के लक्षण

अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, हार्ट की कमजोरी के दौरान पैरों में सूजन के अलावा कई अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। यदि हल्की गतिविधि करने पर या सीढ़ियाँ चढ़ने पर पैरों में दर्द और सांस फूलने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।


डॉ. बंसल बताते हैं कि यदि आपके जूते का साइज वही है और फिर भी फिट नहीं हो रहा है, तो यह पैरों में तरल पदार्थ के रुकने का संकेत हो सकता है। यह दिल की पंपिंग क्षमता में कमी के कारण होता है। यदि आपको पैरों में लगातार सूजन है और साथ में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या है, तो इसे अनदेखा न करें।


हार्ट कमजोर होने के कारण

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजीत जैन के अनुसार, हार्ट की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मानसिक तनाव, या नींद की कमी। इसके अलावा, यदि परिवार में हार्ट की समस्याएं रही हैं, तो ऐसे व्यक्तियों में हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।


लक्षण दिखने पर क्या करें?

डॉ. अजीत जैन के अनुसार, यदि हार्ट से संबंधित कोई लक्षण दिखाई दे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें। इसके साथ ही, जीवनशैली और आहार में सुधार करना भी फायदेमंद हो सकता है। रक्तचाप, शुगर, और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।


दिल की बीमारियों से बचाव के उपाय

डॉ. जैन के अनुसार, हार्ट की बीमारियों से बचने के लिए हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, कम फैट वाला दूध, मछली, और सूखे मेवों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना या योग करना चाहिए। पैरों की सूजन के लिए हल्के गर्म पानी से सिकाई करना और पैरों को ऊँचा रखकर आराम करना भी लाभकारी हो सकता है।