हार्ट की कमजोरी के संकेत: पैरों में लक्षण और बचाव के उपाय

हार्ट रोग के प्रारंभिक संकेतों की पहचान
हार्ट की कमजोरी के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे समय पर बीमारी का पता चल सकता है और उचित उपचार किया जा सकता है। पैरों में भी हार्ट से जुड़ी समस्याओं के संकेत दिखाई दे सकते हैं। इस विषय पर हमने देश के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट से चर्चा की है।
पैरों में भारीपन और हार्ट की समस्या
कभी-कभी पैरों में भारीपन या जूते टाइट लगना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह हार्ट की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। पैरों में भारीपन के विभिन्न प्रकार और उनके कारणों के बारे में जानकारी के लिए हमने विशेषज्ञों से बात की है।
हार्ट की कमजोरी के लक्षण
अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, हार्ट की कमजोरी के दौरान पैरों में सूजन के अलावा कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। यदि हल्की गतिविधि करने पर या सीढ़ियाँ चढ़ते समय पैरों में दर्द और सांस फूलने लगे, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
डॉ. बंसल ने बताया कि यदि जूते का साइज वही है लेकिन फिर भी फिट नहीं हो रहा है, तो यह पैरों में तरल पदार्थ के रुकने का संकेत हो सकता है। यह दिल की पंपिंग क्षमता में कमी के कारण होता है। यदि आपको पैरों में लगातार सूजन है और साथ में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या है, तो इसे गंभीरता से लें।
हार्ट कमजोर होने के कारण
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजीत जैन के अनुसार, हार्ट की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मानसिक तनाव, और नींद की कमी। यदि परिवार में हार्ट की समस्या का इतिहास है, तो ऐसे व्यक्तियों को भी हार्ट संबंधी समस्याओं का सामना करने की संभावना रहती है।
लक्षण दिखने पर क्या करें?
डॉ. जैन के अनुसार, यदि हार्ट से संबंधित कोई लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें। इसके अलावा, जीवनशैली और आहार में सुधार करना भी फायदेमंद हो सकता है। रक्तचाप, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।
दिल की बीमारियों से बचाव के उपाय
डॉ. जैन ने बताया कि हार्ट की बीमारियों से बचने के लिए हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, कम वसा वाला दूध, मछली और सूखे मेवों का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, रोजाना कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलना या योग करना चाहिए। पैरों की सूजन के लिए हल्के गर्म पानी से सिकाई करना और पैरों को ऊंचा रखकर आराम करना भी सहायक हो सकता है।