हापुड़ में बीमा धोखाधड़ी: एक व्यक्ति ने चार हत्याओं के जरिए करोड़ों का लाभ उठाया

बीमा पॉलिसी का दुरुपयोग

जीवन बीमा हमारे और हमारे परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने का एक साधन है। यह अनहोनी की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करता है। हालांकि, कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। हापुड़ का विशाल कुमार ऐसा ही एक व्यक्ति है, जिसने अपनी पत्नी, माता और पिता का बीमा करवाकर उन्हें बारी-बारी से मार डाला और उनके बीमा के पैसे हड़प लिए। लेकिन उसकी यह धोखाधड़ी जल्द ही उजागर हो गई।
पुलिस की जांच में खुलासा
सम्भल जिले की अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुकृति शर्मा ने सभी बीमा कंपनियों से संदिग्ध पॉलिसियों की जानकारी मांगी। इस दौरान निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि मेरठ के मुकेश चंद सिंघल के पास 64 बीमा पॉलिसियां हैं, जो 2018 से 2023 के बीच ली गई थीं।
विशाल ने 25 जनवरी 2024 से 6 फरवरी 2024 के बीच चार महंगी गाड़ियां खरीदीं, जबकि मुकेश की मासिक आय केवल 25 हजार रुपये थी। ASP ने कहा कि मुकेश पर शक गहरा गया। जांच में पता चला कि विशाल के घर में तीन सदस्यों की मौत हुई थी, और सभी के बीमा का पैसा विशाल को मिला था।
विशाल की चार शादियां
जांच में यह भी सामने आया कि विशाल ने चार शादियां की थीं। पहली पत्नी और मां की बीमा पॉलिसी से उसने 1 करोड़ 5 लाख रुपये प्राप्त किए। इसके अलावा, पिता की मौत से दो पॉलिसियों के 50 लाख रुपये भी उसे मिले। अभी भी 62 पॉलिसियों से करीब 50 करोड़ रुपये आने की उम्मीद थी।
चौथी पत्नी का खुलासा
विशाल की चौथी पत्नी ने कई राज खोले। उसने बताया कि उसकी शादी फरवरी 2024 में हुई थी और उसे जल्दी ही विशाल की अन्य शादियों के बारे में पता चल गया। विशाल ने उसे धमकी दी कि वह उसके ससुर को मारने में मदद करे, क्योंकि उसने उनके नाम पर 60 करोड़ का बीमा करवाया था।
चौथी पत्नी ने बताया कि उसने विशाल से बचने के लिए अपने परिवार को बुलाया और मायके चली गई।
विशाल का कबूलनामा
पुलिस ने विशाल और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया। विशाल ने अपने अपराधों को स्वीकार करते हुए बताया कि उसने अपनी मां की हत्या एक एक्सीडेंट के रूप में दिखाकर 25 लाख रुपये प्राप्त किए।
उसने अपनी पहली पत्नी की हत्या कर 80 लाख रुपये की बीमा राशि भी हड़पी। इसके बाद, उसने अपने पिता का एक्सीडेंट करवाकर 64 पॉलिसियों से 50 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने की योजना बनाई थी।