हापुड़ में बिल्डर को बंधक बनाकर की गई अमानवीय यातनाएं

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक बिल्डर को बंधक बनाकर दो घंटे तक अमानवीय यातनाएं दी गईं। आरोपियों ने न केवल उसे पीटा, बल्कि इस घटना का वीडियो भी बनाया। पुलिस की लापरवाही के चलते मामला दर्ज नहीं हुआ, जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी और पुलिस की प्रतिक्रिया।
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हापुड़ में बिल्डर को बंधक बनाकर की गई अमानवीय यातनाएं

हापुड़, उत्तर प्रदेश में दिल दहला देने वाली घटना

उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बिल्डर, पवन कुमार, को बंधक बनाकर दो घंटे तक अमानवीय यातनाएं दी गईं। सात से अधिक लोगों ने उन्हें कमरे में कुर्सी से बांधकर, तमंचा कनपटी पर रखकर बुरी तरह पीटा। इससे भी अधिक हैवानियत करते हुए उन पर पेशाब किया गया और प्राइवेट पार्ट पर डंडे मारे गए। यह घटना हापुड़ मार्ग स्थित मोदीपोन कॉलोनी में हुई।


चोरी का आरोप और साजिश का जाल

पीड़ित बिल्डर सुभाष विहार कॉलोनी के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस से 10 दिन पहले एक लाख रुपये की नकदी और पांच लाख रुपये के गहने चोरी हो गए थे। इस चोरी का आरोप उन्होंने अपने एक कर्मचारी पर लगाया था और इसकी शिकायत कस्बा चौकी में की थी, लेकिन पुलिस ने जांच में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इसी बीच, आरोपी कर्मचारी गायब हो गया।


बिल्डर के अनुसार, 27 जुलाई को उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को कर्मचारी का दोस्त बताया और चोरी के मामले में मदद करने का आश्वासन देकर उन्हें मोदीपोन कॉलोनी बुलाया।


बेरहमी से टॉर्चर और वीडियो बनाना

पीड़ित का कहना है कि मोदीपोन कॉलोनी में उन्हें सात से अधिक आरोपियों ने बंधक बना लिया। फिर कुर्सी से बांधकर दो घंटे तक डंडों और बेल्ट से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर पेशाब किया गया और उनके प्राइवेट पार्ट पर वार किया गया। हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया।


पुलिस पर गंभीर आरोप: मामला दर्ज नहीं हुआ

घटना के बाद, पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस ने इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस ने पीड़ित को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।


बिल्डर ने पुलिस की लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने गंभीर मामले में भी FIR दर्ज नहीं की गई। वहीं, एसीपी मोदीनगर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था, लेकिन अब इस पर कार्रवाई की जाएगी।


यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को न्याय मिलना आवश्यक है।