हाथियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने नई तकनीक का किया चयन

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने हाथियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक नई तकनीक का चयन किया है, जो अगले साल अप्रैल तक लागू होगी। इस तकनीक के माध्यम से रेलवे पटरियों के पास हाथियों की गतिविधियों का पता लगाया जाएगा, जिससे ट्रेन चालकों को समय पर चेतावनी मिलेगी। जानें इस पहल के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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हाथियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने नई तकनीक का किया चयन

रेलवे की नई पहल

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने तेज गति वाली ट्रेनों से हाथियों की मौत के मामलों को रोकने के लिए अगले वर्ष अप्रैल तक अपने नेटवर्क में एक उन्नत तकनीक को लागू करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने साझा की।


एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि ‘इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम’ (आईडीएस) का परीक्षण चार महत्वपूर्ण खंडों में सफलतापूर्वक शुरू किया गया है।


आईडीएस प्रणाली के अंतर्गत, रेलवे पटरियों के निकट हाथियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए उन्नत ऑप्टिकल फाइबर सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे ट्रेन चालकों और नियंत्रण कक्षों को समय पर एहतियाती कदम उठाने के लिए ‘रीयल-टाइम अलर्ट’ प्राप्त होंगे।


शर्मा ने रविवार रात एक बयान में कहा, 'हमने एनएफआर नेटवर्क में आईडीएस को लागू करके हाथियों की सुरक्षा और सुचारू ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।'


एनएफआर ने पहली बार 2022 में लुमडिंग और अलीपुरद्वार डिवीजनों में दो स्थानों पर आईडीएस स्थापित किया था। शर्मा ने कहा, 'इस विस्तारित परियोजना को पूरा करने की लक्ष्य तिथि अप्रैल 2026 निर्धारित की गई है। अप्रैल 2026 तक यह प्रणाली हाथियों की आवाजाही वाले सभी चयनित स्थानों पर चालू होने की उम्मीद है।'