हाथ-पैरों में सूजन और गहरे यूरिन का रंग: जानें इसके गंभीर संकेत

हाथ-पैरों में अचानक सूजन और यूरिन का गहरा रंग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, विशेषकर किडनी से जुड़ी बीमारियों का। यह लेख किडनी की कार्यप्रणाली, इसके लक्षण और समय पर उपचार के महत्व पर प्रकाश डालता है। जानें कि कैसे आप इन लक्षणों को पहचान सकते हैं और अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
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हाथ-पैरों में सूजन और यूरिन के रंग में बदलाव

यदि आपके हाथ और पैर अचानक सूजने लगे हैं या यूरिन का रंग सामान्य से अधिक गहरा हो गया है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह किडनी से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा करता है। जब किडनी सही से कार्य नहीं करती, तो शरीर में पानी और विषाक्त पदार्थों का संचय होने लगता है, जिससे हाथ-पैरों में सूजन और यूरिन के रंग में बदलाव होता है। सामान्यतः, किडनी शरीर से विषाक्त तत्वों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालती है, लेकिन जब यह ठीक से काम नहीं करती, तो ये लक्षण प्रकट होते हैं.


किडनी की कार्यप्रणाली और उसके प्रभाव

किडनी हमारे शरीर का फ़िल्टरिंग सिस्टम है, जो रक्त को साफ करके विषाक्त पदार्थों को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालती है। जब किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, तो शरीर में टॉक्सिन्स और पानी का संचय होता है, जिससे सूजन, उच्च रक्तचाप और कमजोरी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। किडनी की बीमारी का प्रभाव केवल यूरिन पर नहीं, बल्कि पूरे शरीर के कार्यों पर पड़ता है। इससे हड्डियों की मजबूती में कमी, रक्त की कमी और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ सकता है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए, तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, समय पर पहचान और उपचार आवश्यक है.


किडनी की बीमारी के लक्षण

सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, किडनी की बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके प्रारंभिक लक्षण सामान्य लग सकते हैं। लोग अक्सर इन्हें थकान या कमजोरी समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन यदि आप इन लक्षणों को गंभीरता से लेते हैं, तो समय पर उपचार संभव है। सामान्य लक्षणों में हाथ-पैर और चेहरे पर सूजन, यूरिन का गाढ़ा होना, झागदार यूरिन आना और बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता शामिल हैं.


बचाव के उपाय

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।


नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।


अधिक नमक, तला-भुना या पैकेज्ड फूड से बचें और संतुलित आहार लें।


धूम्रपान और शराब से दूर रहें।


रोजाना थोड़ी देर व्यायाम या टहलें।


बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें।


यदि यूरिन या शरीर में कोई बदलाव दिखे, तो तुरंत जांच कराएं.