हरियाणा सरकार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी से छीनी कमान, नया कानून पारित

हरियाणा सरकार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी जावेद सिद्दीकी से कमान छीनने के लिए नया कानून पारित किया है। यह निर्णय दिल्ली ब्लास्ट के संदर्भ में आया है, जिसमें यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों का नाम शामिल था। अब राज्य सरकार 26 निजी विश्वविद्यालयों में प्रशासक नियुक्त कर सकेगी। जानें इस विधेयक के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव क्या होंगे।
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हरियाणा सरकार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी से छीनी कमान, नया कानून पारित

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नया अध्याय

हरियाणा सरकार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी से छीनी कमान, नया कानून पारित

अल फलाह यूनिवर्सिटी Image Credit source: Social Media

अल-फलाह यूनिवर्सिटी: हाल ही में फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम दिल्ली ब्लास्ट के संदर्भ में चर्चा में आया था। इस घटना में शामिल आतंकवादियों का संबंध यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों से था। इसके बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी जावेद सिद्दीकी को रिमांड पर लिया। इसके साथ ही, NAAC और AIU ने अनियमितताओं के चलते यूनिवर्सिटी के खिलाफ नोटिस जारी किए थे। अब 22 दिसंबर को हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत जावेद सिद्दीकी से अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कमान छीन ली जाएगी।

आइए जानते हैं कि हरियाणा सरकार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संबंध में कौन सा नया कानून पारित किया है और इसके क्या परिणाम होंगे।

हरियाणा विधानसभा में निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025 का पारित होना

अब जावेद सिद्दीकी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के प्रशासक नहीं रहेंगे। हरियाणा विधानसभा ने 22 दिसंबर को निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025 को पारित किया है। इस कानून के लागू होने के बाद, राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों की कमान अपने हाथ में ले सकेगी।

अल-फलाह सहित 26 विश्वविद्यालयों में प्रशासक की नियुक्ति

इस विधेयक के पारित होने के बाद, राज्य सरकार अल-फलाह समेत 26 विश्वविद्यालयों में प्रशासक नियुक्त कर सकेगी। ये प्रशासक राज्य सरकार के अधीन काम करेंगे, जबकि यूनिवर्सिटी का संचालन प्राइवेट संस्थान की तरह ही होगा।

विधेयक पारित करते समय की चर्चा

हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया। इस संशोधित विधेयक के साथ उन 26 निजी विश्वविद्यालयों की सूची भी थी, जिनमें प्रशासक नियुक्त किए जाने का प्रावधान है। कांग्रेस विधायक रघुवीर कादियान ने इस पर आपत्ति जताई, यह कहते हुए कि सरकार निजी विश्वविद्यालयों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने भी सवाल उठाया कि नए प्रशासक की योग्यताएं क्या होंगी। चर्चा के बाद, शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस विधेयक पर अच्छे सुझाव आए हैं, लेकिन प्रशासक की नियुक्ति केवल विशेष परिस्थितियों में की जाएगी। इसके बाद विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

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