हरियाणा में गेहूं खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि नजदीक, किसान करें तुरंत आवेदन
गेहूं खरीद की प्रक्रिया में तेजी
हरियाणा में गेहूं की खरीद का समय नजदीक आ रहा है, लेकिन किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बिना अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। हजारों किसान अभी भी रजिस्ट्रेशन से वंचित हैं। जानें किस जिले में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन हुआ और सरकार ने रजिस्ट्रेशन महाअभियान क्यों शुरू किया है।
रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता
हरियाणा में गेहूं की खरीद की प्रक्रिया 11 दिन में शुरू होने वाली है। राज्य सरकार ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा (MFMB)’ पोर्टल पर किसानों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है। इस बार भी सरकारी मंडियों में फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। हालांकि, कई किसान अभी भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, जिससे उन्हें फसल बेचने में कठिनाई हो सकती है।
गेहूं खरीद की तैयारी
हरियाणा में गेहूं खरीद का सीजन 1 अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं कि सभी योग्य किसान समय पर पोर्टल पर अपनी भूमि और फसल का पंजीकरण करा सकें। बिना पंजीकरण के किसान सरकारी मंडियों में अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तेजी
कृषि विभाग ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई कदम उठाए हैं। विभाग ने रजिस्ट्रेशन कैंपों की संख्या बढ़ाई है और घर-घर जाकर संपर्क कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अलावा, फोन कॉल्स के माध्यम से भी किसानों से संवाद किया जा रहा है ताकि सभी किसान समय पर रजिस्ट्रेशन कर सकें।
रजिस्ट्रेशन की स्थिति
20 मार्च तक, 10,83,448 किसानों ने कुल 62,80,694 एकड़ कृषि भूमि का रजिस्ट्रेशन किया है। इसमें गेहूं की खेती ने सबसे बड़ा क्षेत्र घेरा है।
- गेहूं: 44.22 लाख एकड़
- सरसों: 16.78 लाख एकड़
- चना: 26,429 एकड़
- जौ: 19,368 एकड़
- गन्ना: 10,362 एकड़
- अन्य फसलें शेष भूमि पर हैं
जिलावार रजिस्ट्रेशन
सिरसा जिले में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन हुआ है, जहां 7.54 लाख एकड़ भूमि रजिस्टर्ड की गई है। अन्य जिलों में हिसार, भिवानी, फतेहाबाद और करनाल शामिल हैं।
- हिसार: 5.74 लाख एकड़
- भिवानी: 5.63 लाख एकड़
- फतेहाबाद: 4.17 लाख एकड़
- करनाल: 4.11 लाख एकड़
कृषि विभाग की अपील
कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करें। विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चला रही हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के किसान अपनी उपज को सरकारी मंडियों में नहीं बेच पाएंगे।
पोर्टल का महत्व
‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल किसानों की उपज और भूमि संबंधी जानकारी को एकत्रित करने के लिए है। इससे सरकार को किसानों को लाभकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद मिलती है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित किया जा सकता है।
डिजिटल पहल और भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार इस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल कृषि को बढ़ावा दे रही है। भविष्य में यह पोर्टल इंटीग्रेटेड फसल ट्रैकिंग, बीमा योजना, और क्रॉप हेल्थ मॉनिटरिंग जैसे कई Agritech Innovations का हिस्सा बन सकता है।