हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में सरकार ने कार्रवाई की है। रोहतक के एसपी का तबादला किया गया है और डीजीपी को छुट्टी पर भेजने की संभावना है। पोस्टमार्टम में देरी के कारण कई महत्वपूर्ण सबूत प्रभावित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने न्याय का आश्वासन दिया है, जबकि परिवार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी गई है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
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हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

चंडीगढ़ में एडीजीपी की आत्महत्या का मामला

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

चंडीगढ़। एडीजीपी वाई पूरण कुमार के शव में सड़न की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कई महत्वपूर्ण सबूत प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौत का सही समय निर्धारित करना कठिन हो जाता है।

हरियाणा सरकार ने दिवंगत आईपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में कार्रवाई करते हुए रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का तबादला कर दिया है। इसके साथ ही, डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजने की संभावना है। उनकी जगह वरिष्ठ आईपीएस आलोक मित्तल को डीजीपी नियुक्त किया जा सकता है। इस कार्रवाई के बाद, वाई पूरण कुमार के परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम के लिए सहमत हो सकते हैं, हालांकि परिवार ने शनिवार शाम तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

पांचवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका, जबकि वरिष्ठ अधिकारी परिवार के साथ बातचीत करते रहे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एडीजीपी के परिवार के साथ अन्याय हुआ है और न्याय प्रदान करने का कार्य उनकी सरकार करेगी।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भेजा जा सकता है छुट्टी पर

हरियाणा सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का तबादला कर दिया है। इसके साथ ही, डीजीपी शत्रुजीत कपूर को भी छुट्टी पर भेजा जा सकता है। उनकी जगह आलोक मित्तल को डीजीपी बनाया जा सकता है।

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

पांचवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका

सरकार की इस कार्रवाई के बाद वाई पूरण कुमार के परिजन पोस्टमार्टम के लिए सहमत हो सकते हैं, लेकिन परिवार ने शनिवार शाम तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। पांचवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका और वरिष्ठ अधिकारी परिवार से बातचीत करते रहे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एडीजीपी के परिवार के साथ अन्याय हुआ है। न्याय देने का कार्य हमारी सरकार करेगी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा सरकार ने शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 17 अक्तूबर को होने वाले हरियाणा दौरे को लेकर होनी थी। सीएम ने कुछ मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक की।

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

इसके बाद अमनीत पी कुमार से मुलाकात के लिए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी व मंत्री भेजे गए। सूत्रों के अनुसार, उनके पास यह संदेश भेजा गया कि डीजीपी को छुट्टी पर भेजा जा रहा है। शनिवार दोपहर को ही सरकार ने रोहतक के एसपी पद से नरेंद्र बिजारणिया को हटा दिया। उन्हें अभी कोई नई पोस्टिंग नहीं दी गई है। रोहतक का नया एसपी सुरेंद्र भौरिया को नियुक्त किया गया है।

इससे पहले, शनिवार सुबह वाई पूरण की पार्थिव देह को चंडीगढ़ के सेक्टर 16 अस्पताल से पीजीआई के शवगृह में ले जाया गया, तो अमनीत और परिजनों ने एतराज जताया। उन्होंने कहा कि उनकी सहमति के बिना शव को ले जाया गया है। इसके बाद विवाद बढ़ गया। किसी ने अफवाह फैला दी कि पीजीआई में पोस्टमार्टम भी शुरू हो गया है।

हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या: सरकार की कार्रवाई और पोस्टमार्टम में देरी

इस पर चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा और एसएसपी कंवरदीप कौर मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि शव का पोस्टमार्टम नहीं हो रहा है। दोनों अधिकारी लगभग एक घंटे तक अमनीत पी कुमार के घर पर रहे।

अमनीत को मनाने के लिए मंत्री के साथ कई अधिकारी पहुंचे, देर रात तक चला सिलसिला
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के बावजूद पूरे मामले पर नजर बनाए रखी। इस बीच, उन्होंने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की। मुख्यमंत्री सैनी के निर्देश पर देर शाम कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी और कृष्ण लाल पंवार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और राज शेखर कुंडरू अमनीत पी कुमार के घर पहुंचे और मुख्यमंत्री का संदेश देकर उन्हें मनाने की कोशिश की। देर रात तक उन्हें मनाने की कोशिशें जारी रहीं।

कमेटी ने कहा-गिरफ्तारी नहीं होने तक पोस्टमार्टम नहीं होगा
अब 31 सदस्यों की कमेटी ही कार्रवाई की मांग और महत्वपूर्ण फैसले लेने को लेकर पुलिस-प्रशासन और सरकार से बातचीत करेगी। इस कमेटी में सभी सदस्य गैर राजनीतिक दल और अनुसूचित जाति के विभिन्न संगठन और वाई पूरण के परिवार से जुड़े लोग शामिल हैं। कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर जय नारायण कर रहे हैं।

इस कमेटी में तीन सदस्यों को प्रेस प्रवक्ता के तौर पर नियुक्त किया गया है। कमेटी रविवार को सेक्टर-20 स्थित वाल्मिकी गुरुद्वारा में महापंचायत करेगी। जय नारायण ने स्पष्ट किया कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया को जब तक बर्खास्त या गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा।

आईपीएस अधिकारी वाई पूरण सिंह की मौत को दुखद दुर्घटना बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। विपक्ष को घेरते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष को ऐसे मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हमें जैसे ही जापान में आईपीएस अधिकारी वाई पूरण सिंह के निधन की सूचना मिली, हमने उनकी पत्नी का ढांढस बंधाया और अधिकारियों को उनके साथ घर भेजा।

गनशॉट अवशेष और घाव की पहचान होगी मुश्किल
उधर, एडीजीपी का आखिरी फोटो सामने आया है। सोफे पर शव पड़ा दिख रहा है, जबकि हाथ में पिस्टल है। वहीं, पांच दिन बाद शव में शुरू हुई सड़न (डीकंपोजिशन) जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूतों को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौत का सटीक समय निर्धारित करना कठिन हो जाता है। गोली के निशान और फिंगरप्रिंट्स की पहचान बेहद कठिन हो जाती है। शव की त्वचा गलने लगती है जिससे फिंगरप्रिंट लगभग असंभव हो जाते हैं। ऐसे मामलों में जांच के लिए जल्द पोस्टमार्टम और साक्ष्य संग्रह आवश्यक है।

मौत का समय (टाइम ऑफ डेथ) सड़न
मृत्यु के बाद बीते समय (पोस्टमॉर्टम इंटरवल) का प्रमुख संकेतक होती है। तापमान, नमी और शव का वातावरण (जैसे पानी या मिट्टी) इस प्रक्रिया को तेज या धीमा कर सकते हैं। चार दिन बाद यह अनुमान काफी हद तक असटीक हो जाता है।

गनशॉट रेजिड्यू
गोली चलने के बाद शरीर या कपड़ों पर बचा बारूद का अवशेष नाजुक होता है। पर्यावरण या हिलने-डुलने से यह जल्दी नष्ट हो जाता है। चार दिन बाद यह सबूत मिलना लगभग नामुमकिन होता है।

घावों की विशेषताएं
गोली लगने की दूरी और कोण जैसी बारीक जानकारी सड़न से प्रभावित होती है।

सूट और स्टिपलिंग
नजदीक से फायरिंग के दौरान बारूद और जलन के निशान सड़न या सफाई के दौरान मिट जाते हैं।

त्वचा की संरचना
सड़न से त्वचा सिकुड़ने या गलने लगती है जिससे गोली के प्रवेश और निकास घाव की बनावट बदल जाती है।