हरियाणा के गांव कलियाणा में मिला अनोखा लचीला पत्थर, वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित

कलियाणा गांव में लचीला पत्थर
हरियाणा के चरखी दादरी जिले के कलियाणा गांव में अरावली पहाड़ियों में एक अनोखा लचीला पत्थर मिला है, जिसे स्थानीय भाषा में 'हिलना पत्थर' कहा जाता है। यह पत्थर रबड़ की तरह लचीला है और इसकी विशेषताओं के कारण गांव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। वैज्ञानिक इस पत्थर के उपयोग से भूकंप-रोधी इमारतें बनाने की संभावनाओं पर शोध कर रहे हैं। इस अनोखे पत्थर का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है, और सरकार इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल में विकसित करने की योजना बना रही है। धरोहर की सुरक्षा के लिए पहाड़ी क्षेत्र में जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, और स्थानीय लोग इसे संरक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।
कलियाणा गांव, जो जिला मुख्यालय से केवल सात किलोमीटर दूर है, में अरावली पहाड़ियों की एक खान में यह लचीला पत्थर पाया गया है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। हिलना पत्थर की लचक एक विशेष प्राकृतिक वातावरण के कारण होती है। वैज्ञानिक इस पत्थर की भूगर्भीय स्थितियों और इसके निर्माण के बारे में जानकारी जुटाने के लिए शोध कर रहे हैं। इसके अलावा, वन-खनन विभाग ने इस क्षेत्र में धरोहर की सुरक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की है।
स्थानीय निवासी नरेंद्र राजपूत, बिजेंद्र सिंह, जयभगवान और पूर्व सरपंच नानकी देवी ने बताया कि हिलना पत्थर को 'डांसिंग स्टोन ऑफ हरियाणा' भी कहा जाता है। हाल ही में, प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में इसके बारे में प्रश्न भी पूछे थे। कलियाणा गांव का नाम अब देश-विदेश में प्रसिद्ध हो गया है।
ग्रामीणों की हिलना पत्थर को बचाने की मुहिम जारी है। वे चाहते हैं कि यह पत्थर एक पर्यटन स्थल बने। हाल ही में, दिल्ली विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान के प्रोफेसर प्रभास पांडे अपनी टीम के साथ गांव आए थे। उनके अनुसार, हिलना पत्थर की विशेषताओं का अध्ययन करके इसे भूकंप-रोधी इमारतों में उपयोग किया जा सकता है, जो भारत जैसे भूकंप संवेदनशील देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।