हरदा में करणी सेना का जनक्रांति आंदोलन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम

हरदा में करणी सेना का जनक्रांति आंदोलन 21 दिसंबर को नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया गया है। इस आंदोलन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें 1500 पुलिसकर्मी और ड्रोन कैमरों से निगरानी शामिल है। आंदोलन का कारण पुलिस लाठीचार्ज है, जो 12-13 जुलाई को हुआ था। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और ट्रैफिक डायवर्जन के बारे में।
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हरदा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

हरदा में करणी सेना का जनक्रांति आंदोलन: सुरक्षा के कड़े इंतजाम


हरदाः मध्य प्रदेश का हरदा जिला इस समय सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह सजग है। करणी सेना परिवार ने 21 दिसंबर को नेहरू स्टेडियम में 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण जनक्रांति आंदोलन का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं और सभी सुरक्षा बल अलर्ट मोड में हैं।


सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 10 जिलों की पुलिस, एसएएफ, क्यूआरएफ, और एसटीएफ की कंपनियों के साथ 1500 पुलिसकर्मी रिजर्व में तैनात हैं। आंदोलन स्थल पर सुरक्षा के लिए 5 लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है।


सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी

सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी


आंदोलन स्थल के आसपास सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। जिले की सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है और शहर के ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है।


आंदोलन का कारण

क्यों हो रहा है आंदोलन


यह आंदोलन 12-13 जुलाई को करणी सेना परिवार और राजपूत समाज के सदस्यों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ है। प्रशासन ने नेहरू स्टेडियम में इस आंदोलन के आयोजन की अनुमति दी है। इस आंदोलन की तैयारी पिछले तीन महीनों से चल रही थी।


विवाद की जड़ एक ‘हीरा’ है। जानकारी के अनुसार, राजपूत समाज के एक युवक ने एक व्यापारी से हीरे का सौदा किया था, लेकिन व्यापारी ने धोखाधड़ी की और युवक को नकली हीरा दिया। जब थाने में शिकायत की गई, तो कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद करणी सेना ने सक्रियता दिखाई और थाने का घेराव किया।


पुलिस लाठीचार्ज के बाद का विरोध

पुलिस की लाठी चार्ज के बाद विरोध


इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाईं। करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर पर भी लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद उन्हें एक दिन के लिए जेल में रखा गया। इसके बाद 21 दिसंबर को हरदा में बड़े आंदोलन की योजना बनाई गई।


ट्रैफिक डायवर्जन

ट्रैफिक रूट किया डाइवर्ट


जिला कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने निगरानी के लिए 24 अधिकारियों और 48 पटवारियों की ड्यूटी लगाई है। वे 24 विभिन्न स्थानों पर नजर रखेंगे। ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता की सुविधा के लिए ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। हरदा से छीपानेर जाने वाले वाहन अस्पताल तिराहा, नई सब्जी मंडी मार्ग, प्रताप टॉकीज मार्ग, बायपास चौराहा, और छीपानेर चौक का वैकल्पिक मार्ग ले सकते हैं।


इसी तरह, खंडवा से इंदौर जाने वाले वाहन खेड़ीपुरा चौराहा, बायपास चौराहा, पुलिस लाइन, और फोरलेन बायपास रोड का उपयोग कर सकते हैं। खंडवा से नर्मदापुरम-बैतुल जाने वाले वाहन भी इसी मार्ग का अनुसरण करेंगे।