स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: 2025 में नई उपलब्धियों का जश्न
स्वास्थ्य सेवाओं का नया अध्याय
वर्ष 2025 ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया मोड़ लाया है, जिससे प्रदेशवासियों को कई लाभ मिले हैं।
आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य तंत्र का लाभ उठाते हुए, प्रदेशवासियों ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का अनुभव किया है।
इस वर्ष कई नई स्वास्थ्य इकाइयों का उद्घाटन किया गया, अस्पतालों का शिलान्यास हुआ और आईसीयू सुविधाओं का विस्तार किया गया।
मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें पीडियाट्रिक केयर यूनिट और न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की संख्या बढ़ाई गई।
ई-संजीवनी, टेलीमेडिसिन, एंबुलेंस सेवाएं और टीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
मुख्यमंत्री की पहल से स्वास्थ्य ढांचे में सुधार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, वर्ष 2025 स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार घोष ने बताया कि इस वर्ष 83 नई स्वास्थ्य इकाइयों का उद्घाटन किया गया।
इनमें 26 आईपीएचएल लैब, 38 फील्ड अस्पताल और 13 जनपदीय ड्रग वेयरहाउस शामिल हैं।
सीतापुर में 200 बेड के जिला चिकित्सालय का शिलान्यास भी किया गया है।
मेडिकल कॉलेजों में 1800 और जिला अस्पतालों में 1029 आईसीयू बेड स्थापित किए गए हैं।
मां और नवजात स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
योगी सरकार ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है, जिसके तहत 42 बेड वाले पीडियाट्रिक केयर यूनिट स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश में 412 न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट्स की स्थापना की गई है।
इससे बाह्य रोगी सेवाओं में 27% और अंतः रोगी सेवाओं में 32% की वृद्धि हुई है।
आधुनिक चिकित्सा सेवाएं अब हर जगह
प्रदेश के 74 जनपदों में सीटी स्कैन और सभी 75 जनपदों में डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जनवरी से नवंबर 2025 के बीच 9.42 लाख सीटी स्कैन और 6.50 लाख से अधिक डायलिसिस सत्र संचालित किए गए।
आयुष्मान भारत योजना के तहत 318 अस्पतालों को जोड़ा गया है, जिसमें 248 कैंसर उपचार से संबंधित हैं।
टीबी उन्मूलन अभियान में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन किया है।
