स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट: भविष्य की खाद्य सुरक्षा का खजाना

एक अनोखी तिजोरी का रहस्य
आज हम आपको एक अनोखी तिजोरी के बारे में बताएंगे, जो नॉर्वे में स्थित है। इसे स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट कहा जाता है, और यह एक गुप्त स्थान पर बनी हुई है। इसकी जानकारी केवल कुछ ही लोगों को है। यह आर्कटिक क्षेत्र में सबसे ऊँचाई पर स्थित है और एक बर्फीले द्वीपसमूह में परमा-फ्रॉस्ट के नीचे छिपी हुई है।
प्रलय के लिए तैयार की गई तिजोरी

आप सोच रहे होंगे कि इस तिजोरी में सोना या हीरा होगा, लेकिन असल में इसमें कृषि के बीजों का संग्रह है। इसे एक प्रकार के सुरक्षा उपाय के रूप में बनाया गया है, ताकि किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा के समय, कृषि बीज सुरक्षित रहें। इसे 'प्रलय का दिन' के लिए तैयार किया गया है और 2008 से खाद्य फसलों के बीजों को इसमें रखा जा रहा है।
तिजोरी की विशेषताएँ
यह तिजोरी वर्जिन ठोस चट्टान से बनी है और इसमें 100 मीटर गहराई पर बीजों का भंडारण किया गया है। यह 40 से 60 मीटर मोटी चट्टानों के बीच स्थित है। बीजों को जमा करने के लिए एक विशेष समझौता किया जाता है, जिसके तहत इनका उपयोग नहीं किया जा सकता।

स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट 26 फरवरी 2008 को खोला गया था। इसमें तीन हॉल हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1.5 मिलियन बीजों के नमूने रखने की क्षमता है। वर्तमान में, इसमें लगभग 900,000 बीजों के नमूने रखे गए हैं।
भारत का योगदान
दिलचस्प बात यह है कि भारत इस तिजोरी में बीजों के भंडार में सबसे बड़ा हिस्सा रखता है, जो कुल 15% है। मेक्सिको 6.1% के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 3.8% के साथ तीसरे स्थान पर है।