स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल, कानून व्यवस्था पर चिंता जताई
स्वामी प्रसाद मौर्य का आरोप
नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
स्वामी प्रसाद मौर्य, जो अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि भाजपा शासित राज्यों में स्थिति बेहद खराब है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस नीति का दावा करते हैं, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर हो चुकी है और सरकार खुद को सराहने में लगी है। मौर्य ने कहा कि अराजक तत्वों की संख्या बढ़ रही है और सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। दुष्कर्म, हत्या और जातीय हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
धर्म का चोला पहने गुंडों को खुली छूट
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हाल की घटनाएं, जैसे अलीगढ़ और बहराइच, इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार ने इन मामलों में गंभीरता नहीं दिखाई। यह समाज को बांटने की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने कहा कि अब धार्मिक नारे हिंसा और नफरत का प्रतीक बन गए हैं। गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जबकि गुंडों को खुली छूट दी जा रही है। इस कारण धर्म का चोला पहनकर गुंडागर्दी की जा रही है। सरकार इन तत्वों को रोकने में पूरी तरह असफल रही है।
अत्याचार और भेदभाव की घटनाओं पर योगी चुप
मौर्य ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इस बात की गवाह है कि उत्तर प्रदेश अपराध के मामलों में देश में सबसे ऊपर है। प्रदेश में लगातार अपराध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी को दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की कोई चिंता नहीं है और वे अत्याचार और भेदभाव की घटनाओं पर कोई ध्यान नहीं देते। यही कारण है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और कानून व्यवस्था बिगड़ रही है।
3 नवंबर को हर जिले में प्रदर्शन की योजना
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ दुर्व्यवहार लोकतंत्र और न्यायपालिका का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे 3 नवंबर को हर जिले में धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान वे एससी-एसटी पर हो रहे अत्याचार, महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
