स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया जोश
भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता में अहमदाबाद के 13 स्कूलों के 100 बच्चों ने भाग लिया। मगनभाई पटेल ने माता-पिता की सेवा का महत्व बताते हुए युवाओं को प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में शहीद मेजर ऋषिकेश रामानी को भी याद किया गया। जानें इस प्रतियोगिता की खास बातें और बच्चों के प्रदर्शन के बारे में।
Aug 19, 2025, 18:51 IST
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प्रतियोगिता का आयोजन
भारत विकास परिषद, महावीरनगर शाखा ने इस वर्ष भी 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में 'राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता' का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मगनभाई पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने संस्था के प्रमुख घनश्यामभाई हिरानी को 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता का चेक प्रदान किया। हर साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें मगनभाई पटेल मुख्य दानदाता और अतिथि के रूप में शामिल होते हैं। इस बार प्रतियोगिता में अहमदाबाद के 13 स्कूलों के 100 बच्चों ने भाग लिया और विभिन्न राष्ट्रगान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में, विजेता बच्चों को मगनभाई पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पुरस्कार दिए गए।
माता-पिता की सेवा का महत्व
कार्यक्रम के दौरान, मगनभाई पटेल ने उपस्थित छात्रों को माता-पिता की सेवा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने श्रवण का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे श्रवण अपने अंध माता-पिता को कावड़ में बिठाकर तीर्थ यात्रा पर ले जाते थे। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज की युवा पीढ़ी अपने माता-पिता को छोड़कर विदेश में पढ़ाई करने जाती है, जिससे उनके माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता। इस स्थिति में माता-पिता को वृद्धाश्रम में रहना पड़ता है, जो एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि अगर युवा अपने माता-पिता के साथ रहकर पढ़ाई करें, तो वे निश्चित रूप से प्रगति कर सकते हैं।
युवाओं के निर्णय और उनके परिणाम
मगनभाई पटेल ने आगे कहा कि आज के युवा अक्सर अपने माता-पिता की इच्छाओं के खिलाफ निर्णय लेते हैं और बाद में पछताते हैं। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए बताया कि सीताजी ने अपने पिता पर विश्वास किया और अंततः उन्हें राम जैसा पति मिला।
समाज में बदलाव की आवश्यकता
उन्होंने वालिया नामक लुटेरे का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक धार्मिक गुरु के मार्गदर्शन से वह वाल्मीकि ऋषि बन गया। आज समाज में कई ऐसे उदाहरण हैं जहां बेटियां अपने माता-पिता की इच्छाओं के खिलाफ विवाह करती हैं, जिससे तलाक और आत्महत्या जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
शहीदों को याद करते हुए
इस अवसर पर, मगनभाई पटेल ने शहीद मेजर ऋषिकेश रामानी को याद किया। उन्होंने बताया कि मेजर रामानी के पिता अहमदाबाद में बच्चों को सैनिक स्कूल के लिए तैयार करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस प्रशिक्षण केंद्र के लिए 2000 वर्ग मीटर जगह की मांग की, जिसकी लागत लगभग 15 करोड़ रुपये हो सकती है।
विशिष्ट अतिथि का संदेश
इस कार्यक्रम में RAF के 100 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अंजनकुमार झा भी उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे पढ़ाई करके अपने क्षेत्र में देश की सेवा कर सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन
युवा सशक्तिकरण संयोजक हिम्मत सिंह राठौड ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और भारत विकास परिषद के कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में घनश्यामभाई रैयानी, हिम्मतभाई केवडिया, राजेशभाई श्याणी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।