सोशल मीडिया: मनोरंजन से आंदोलन तक का सफर

माउंट आबू में आयोजित चार दिवसीय सोशल मीडिया इंफ्लूसर्स रिट्रीट में प्रो. संजय द्विवेदी ने सोशल मीडिया की नई भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक आंदोलन के रूप में देखा। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिसमें कंटेंट की गुणवत्ता और सामाजिक जिम्मेदारियों पर जोर दिया गया। जानें इस आयोजन के प्रमुख बिंदुओं और वक्ताओं के विचारों के बारे में।
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सोशल मीडिया: मनोरंजन से आंदोलन तक का सफर

सोशल मीडिया की नई भूमिका

माउंट आबू। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि आज सोशल मीडिया केवल मनोरंजन का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह एक आंदोलन का रूप ले चुका है। इस बदलाव के साथ इसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। वे यहां माउंट आबू में ब्रम्हकुमारीज द्वारा आयोजित चार दिवसीय सोशल मीडिया इंफ्लूसर्स रिट्रीट के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। 




इस कार्यक्रम में बीके जयंती, सिरोही की कलेक्टर अल्पा चौधरी, ब्रम्हकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा, फिल्म अभिनेता और इंफ्लूसर कुलदीप सिंहानिया, जाह्नवी सिंह, और बीके मृत्युंजय ने भी अपने विचार साझा किए। 




प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारा कंटेंट केवल वायरल नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें मूल्य भी होना चाहिए। इसमें भारत की आत्मा, उसके सपने और आकांक्षाएं झलकी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एल्गोरिदम की गुलामी से मुक्त होकर दिल की बातें कहनी चाहिए। लोगों पर विश्वास करें, वे अच्छे कंटेंट की ओर जरूर आकर्षित होंगे। इसके लिए हमें कंटेंट क्रियेटर के साथ-साथ कंटेंट रिफार्मर और लीडर बनना होगा। प्रोफेसर द्विवेदी ने यह भी कहा कि हमारा कैमरा और रिंग लाइट समाज में बदलाव लाने वाली रोशनी पैदा कर सकते हैं। यदि हम अपने सामाजिक दायित्व को समझें, तो यह केवल करियर नहीं, बल्कि एक मिशन बन सकता है। 




शास्त्र, संस्कृति और साड़ी की कहानियां सुनाती हूं: जाह्नवी सिंह 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित सोशल मीडिया इंफ्लूसर जाह्नवी सिंह ने बताया कि वे शास्त्र, संस्कृति और साड़ी की तीन श्रेणियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रही हैं। वे इन कहानियों के जरिए नई पीढ़ी को 'भारतबोध' करा रही हैं।




सोशल मीडिया इंफ्लूसर और फिल्म अभिनेता कुलदीप सिंहानिया ने कहा कि अपने मूल्यों पर चलते हुए बिना समझौता किए मिली सफलता ही सच्ची खुशी देती है। उन्हें गर्व है कि वे ऐसा कर पाए। उन्होंने कंटेंट क्रियेटर्स से सकारात्मक संवाद फैलाने का आह्वान किया।




कार्यक्रम की शुरुआत में ब्रम्हकुमारीज के जनसंपर्क अधिकारी बीके कोमल ने स्वागत भाषण में बताया कि इस चार दिवसीय आयोजन में देशभर से 350 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया की शक्ति का सार्थक उपयोग करना है। संचालन डॉ. बीके रीना ने किया।