सोने की कीमतों में वृद्धि: गोल्ड ETF में निवेश का सुनहरा अवसर

सोने की बढ़ती कीमतों के बीच गोल्ड ETF का महत्व
सोना हुआ महंगा, गोल्ड ETF खरीदने का Golden Chance, 100-200 रुपये में बन जाएगी बात, जानिए कैसे?
Physical Vs Gold ETF: निवेश के नजरिए से गोल्ड ETF भौतिक सोने की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती साबित हो सकते हैं. इसमें पारदर्शिता है, टैक्स लाभ मिलता है और इसे आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है.
त्योहारों का मौसम है और सोने की खरीदारी एक परंपरा है। लेकिन इस बार त्योहारी सीजन में सोने की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। 24 कैरेट सोने की कीमत 117000 रुपये के करीब पहुंच गई है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या भौतिक सोने के बजाय गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में निवेश करना अधिक लाभकारी होगा?
भारत में सोने की ज्वेलरी खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी है। लेकिन निवेश के दृष्टिकोण से, ज्वेलरी के बजाय ETF में निवेश करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं कि गोल्ड ETF भौतिक सोने से किस प्रकार बेहतर हो सकते हैं।
1. कम खर्च और सुरक्षा की चिंता नहीं
गोल्ड ज्वेलरी खरीदने पर मेकिंग चार्ज, शुद्धता की जांच, भंडारण और चोरी जैसी चिंताएं होती हैं। जबकि गोल्ड ETF में ये समस्याएं नहीं होतीं। यह शेयर बाजार में सूचीबद्ध एक फंड है और इसे सुरक्षित वॉल्ट में रखा जाता है।
2. लिक्विडिटी और पारदर्शिता
गोल्ड ETF को आप शेयरों की तरह कभी भी बाजार में खरीद या बेच सकते हैं। इसकी कीमत सोने की वास्तविक कीमत के करीब रहती है, जबकि भौतिक सोने में अक्सर खरीद-बिक्री का बड़ा अंतर होता है। ज्वेलर मेकिंग चार्ज समेत कई अन्य चार्ज जोड़ते हैं, जिससे ज्वेलरी की बिक्री मूल्य घट जाती है।
3. कम बजट में सोने में निवेश का विकल्प
जब आप भौतिक सोना खरीदते हैं, तो कोई भी ज्वेलरी 2 ग्राम से कम की नहीं हो सकती, जिससे कम से कम 25000 रुपये का खर्च आता है। लेकिन गोल्ड ETF में आप 100-200 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। आप चाहें तो हर दिन गोल्ड ETF में खरीद-बिक्री कर सकते हैं। इसके अलावा, गोल्ड ETF पर केवल 0.3% से 0.8% तक का सालाना खर्च होता है, जो भौतिक सोने की तुलना में काफी कम है।
4. टैक्स का लाभ
गोल्ड ETF पर 12 महीने से अधिक होल्ड करने पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स केवल 12.5% लगता है। जबकि भौतिक सोने या ज्वेलरी पर टैक्स संरचना अलग हो सकती है और मेकिंग चार्ज से भी रिटर्न घटता है।
सोने का प्रदर्शन: भारत में गोल्ड ETF ने पिछले कुछ वर्षों में अच्छा रिटर्न दिया है।
गोल्ड ETF का प्रदर्शन-
स्कीम का नाम | 1 साल(%) | 3 साल (%) | 5 साल (CAGR %) | AUM (₹अरब) | एक्सपेंस रेशियो (%) | गोल्ड एलोकेशन (%) |
LIC MF Gold ETF | 32.06 | 20.40 | 14.30 | 5.27 | 0.41 | 98.15 |
UTI MF Gold ETF | 32.40 | 20.18 | 13.89 | 21.56 | 0.48 | 99.11 |
Invesco India Gold ETF | 31.97 | 20.04 | 14.09 | 3.16 | 0.55 | 98.43 |
Axis Gold ETF | 31.88 | 19.95 | 14.01 | 20.84 | - | 98.42 |
UTI MF Gold ETF का AUM सबसे बड़ा है (₹21.56 अरब) और इसका गोल्ड एलोकेशन भी 99% से ऊपर है। LIC MF Gold ETF ने 5 साल में सबसे अच्छा CAGR (14.30%) दिया है। Invesco India Gold ETF का AUM छोटा है, लेकिन 5 साल का प्रदर्शन (14.09%) अच्छा रहा है।
त्योहारों के मौसम में सोना खरीदने की परंपरा जरूर है, लेकिन निवेश के दृष्टिकोण से गोल्ड ETF भौतिक सोने की तुलना में अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती साबित हो सकते हैं। इसमें पारदर्शिता है, टैक्स लाभ मिलता है और इसे आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है।
महंगाई के इस दौर में गोल्ड में निवेश जरूरी
सोने को पारंपरिक रूप से मुद्रास्फीति और मुद्रा की अस्थिरता से बचाव के लिए एक सुरक्षा उपाय माना जाता है। लेकिन भौतिक खरीदारी में अक्सर अतिरिक्त लागतें शामिल होती हैं, जैसे कि मेकिंग चार्ज, शुद्धता की जांच और सुरक्षित भंडारण का जोखिम। दूसरी ओर, गोल्ड ETF इन बाधाओं को दूर करते हैं।
ICICI प्रूडेंशियल AMC के प्रिंसिपल-इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी चिंतन हरिया के अनुसार, 'सोने और चांदी के ETF, तरलता, लागत, शुद्धता, टैक्स और विविधीकरण के मामले में भौतिक होल्डिंग्स की तुलना में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं। क्योंकि इनका कारोबार बाजार मूल्य के करीब होता है, इन्हें तुरंत बेचा जा सकता है।'
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, कमजोर डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल के कारण हाजिर सोना 3,875 डॉलर प्रति औंस तक अपनी बढ़त जारी रखने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर, MCX सोना दिसंबर वायदा ₹1,15,200 से ऊपर बने रहने तक ₹1,17,500 तक बढ़ने का अनुमान है, जबकि चांदी वायदा ₹1,45,500 तक जा सकता है।
सैमको सिक्योरिटीज में मार्केट पर्सपेक्टिव्स एंड रिसर्च के प्रमुख अपूर्व शेठ ने कहा, 'निकट भविष्य में सोना ₹1,18,000 और ₹1,14,000 के बीच बना रह सकता है, जबकि चांदी ₹1.45 लाख और ₹1.35 लाख के बीच कारोबार कर सकती है।'