सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: जानें कारण और वर्तमान स्थिति

सोने और चांदी की कीमतों में उछाल
नई दिल्ली। इस वर्ष सोने की कीमतों ने सभी को चौंका दिया है, खासकर सितंबर में, जब यह लगातार नए उच्चतम स्तर पर पहुंच रही है। चांदी ने भी इस साल अद्भुत वृद्धि की है, जिससे निवेशकों को सोने की तुलना में बेहतर रिटर्न मिला है। सितंबर के अंत में, दोनों कीमती धातुओं ने फिर से अपने जीवनकाल के उच्चतम स्तर को छू लिया है। यदि आप सोना या चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इनकी कीमतों में हाल के बदलावों पर ध्यान देना आवश्यक है।
सोने की कीमतों में वृद्धि
सोने की कीमतों की बात करें तो, सितंबर के अंतिम कारोबारी दिन, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमत 5 दिसंबर के अनुबंध के साथ 1,17,561 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो कि 1100 रुपये की बढ़ोतरी के साथ नया रिकॉर्ड है। इसी तरह, चांदी की कीमत भी 1,44,200 रुपये प्रति किलो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
सितंबर में तेजी का दौर
इस साल सोने और चांदी की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी गई है, लेकिन सितंबर में यह वृद्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। 1 सितंबर को एमसीएक्स पर सोने की कीमत 1,05,776 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 11,785 रुपये की वृद्धि के साथ बढ़कर 1,17,561 रुपये हो गई है। चांदी की कीमत भी इसी अवधि में 19,539 रुपये प्रति किलो बढ़ी है।
घरेलू बाजार में स्थिति
सोने और चांदी की कीमतें केवल अंतरराष्ट्रीय बाजार में ही नहीं, बल्कि घरेलू बाजार में भी तेजी से बढ़ी हैं। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार, हाल ही में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 1,15,454 रुपये और चांदी की कीमत 1,44,387 रुपये पर बंद हुई।
ज्वेलरी खरीदने पर ध्यान दें
यदि आप ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि सोने के आभूषणों की कीमत उत्पाद शुल्क, राज्य कर और मेकिंग चार्ज के कारण भिन्न होती है। आभूषणों की गुणवत्ता की जांच के लिए, 22 कैरेट सोने का उपयोग आमतौर पर किया जाता है, जबकि कुछ लोग 18 कैरेट का भी चयन करते हैं।
कीमतों में वृद्धि के कारण
सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा, डॉलर की कमजोरी और केंद्रीय बैंकों में सोने की बढ़ती मांग भी कीमतों में वृद्धि का कारण बन रही है।