सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर मनरेगा के अंत का आरोप लगाया

कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर मनरेगा को खत्म करने का आरोप लगाया है, इसे सामूहिक नैतिक विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना महात्मा गांधी के सर्वोदय के सिद्धांत को साकार करती है। सोनिया ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इससे करोड़ों मेहनतकश लोगों पर गंभीर वित्तीय और मानवीय परिणाम होंगे। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है और क्यों यह विषय इतना महत्वपूर्ण है।
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सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर मनरेगा के अंत का आरोप लगाया

मनरेगा के अंत पर सोनिया गांधी की चिंता

कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह मनरेगा को 'डेथ बाई थाउजेंड कट्स स्ट्रैटजी' के तहत समाप्त करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सर्वोदय के सिद्धांत को साकार करने वाली इस योजना का अंत होना हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है।


सोनिया ने एक लेख में लिखा कि हमें उन अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए जो सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 'विकसित भारत -जी राम जी' विधेयक को मंजूरी दी, जो अब एक अधिनियम बन चुका है। यह विधेयक पिछले बृहस्पतिवार को संसद में पारित हुआ था।


सोनिया गांधी ने अपने लेख में कहा कि हाल के दिनों में मोदी सरकार ने बिना किसी चर्चा या संसदीय प्रक्रिया के मनरेगा को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना इस योजना के प्रति सरकार की अनादर का प्रतीक है।


उन्होंने बताया कि मनरेगा की संरचना, जो इसके प्रभाव के लिए आवश्यक थी, पूरी तरह से नष्ट कर दी गई है। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा पहलों में से एक रही है, और इसके प्रभावों का अध्ययन भी किया गया है।


सोनिया ने यह भी कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति पहले से ही गंभीर है, और अब यह और भी बिगड़ जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने इस योजना के विकेंद्रीकृत स्वरूप को समाप्त कर दिया है।


सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार यह दावा कर रही है कि उसने रोजगार की गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया है, जो भ्रामक है।


उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मंशा उसके पिछले एक दशक के रिकॉर्ड से स्पष्ट है, जिसमें उसने लगातार मनरेगा को कमजोर किया है। यह सिलसिला प्रधानमंत्री द्वारा संसद में इस योजना का मजाक उड़ाने से शुरू हुआ।


सोनिया गांधी ने कहा कि काम के अधिकार का यह विध्वंस संविधान पर हमले का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अब मतदान का मूल अधिकार भी खतरे में है।


उन्होंने कहा कि मनरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय के सिद्धांत को साकार किया और काम के संवैधानिक अधिकार को लागू किया।


इस योजना का अंत हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है, जिसका असर आने वाले वर्षों में करोड़ों मेहनतकश लोगों पर पड़ेगा। सोनिया ने कहा कि अब पहले से कहीं अधिक आवश्यक है कि हम एकजुट होकर उन अधिकारों की रक्षा करें जो हमारी सुरक्षा करते हैं।


उन्होंने एक वीडियो संदेश में आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है, जिससे करोड़ों किसानों और श्रमिकों के हितों पर हमला हुआ है।