सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी: लद्दाख में भूख हड़ताल के बाद हिंसक प्रदर्शन

लद्दाख में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनकी पत्नी, गीतांजलि जे आंगमो, ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार पिछले चार वर्षों से उन पर नजर रख रही थी। वांगचुक की भूख हड़ताल के दौरान स्थिति हिंसक हो गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और चार की मौत हो गई। इस मामले में सरकार की कार्रवाई और वांगचुक के एनजीओ की फंडिंग पर भी चर्चा हो रही है। जानें पूरी कहानी।
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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी: लद्दाख में भूख हड़ताल के बाद हिंसक प्रदर्शन

सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों का खंडन

लद्दाख में हालिया हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी, गीतांजलि जे आंगमो, ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि सरकार पिछले चार वर्षों से उन पर नजर रख रही थी। पाकिस्तानी संबंधों के आरोपों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सोनम एक वैज्ञानिक के रूप में एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। उन्होंने कहा कि चीन या पाकिस्तान जाने वाले हर व्यक्ति को आतंकवादी नहीं माना जा सकता। गीतांजलि स्वयं एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। हाल ही में, सोनम ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए भूख हड़ताल की थी। उनकी तबीयत बिगड़ने पर युवा प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए, जिससे स्थिति हिंसक हो गई। इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और कई इमारतों को आग लगा दी गई। इसके बाद, वांगचुक को गिरफ्तार कर जोधपुर जेल में रखा गया।


सरकार की कार्रवाई और वांगचुक की स्थिति

गीतांजलि ने बताया कि किसी अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें ले जाया गया। वांगचुक पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया गया है, जिससे उनकी जमानत मिलने की संभावना कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार साल पहले ही वांगचुक के पीछे पड़ना शुरू कर दिया था, जब उन्होंने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। उन्होंने यह भी बताया कि चार साल पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो का एक अधिकारी आया था और धमकी दी थी कि उन्हें एनजीओ हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लद्दाख को मिलने वाली विदेशी फंडिंग की जानकारी देनी होगी।


वांगचुक के एनजीओ और फंडिंग का मुद्दा

वांगचुक दो एनजीओ का संचालन करते हैं, जिनमें से एक लद्दाख के पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के लिए काम करता है, जिसका नाम स्टूडेंट्स एजुकेशनल ऐंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) है। SECMOL के पास पहले से विदशी फंडिंग का लाइसेंस था, लेकिन अब सरकार ने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया है।


गीतांजलि का बीजेपी पर विश्वास

गीतांजलि ने कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने बीजेपी को वोट दिया था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उनकी मांगें पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि बिना विधानसभा या छठी सूची के, कोई भी केंद्र शासित प्रदेश सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुलिस अधिकारी वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों की बात कर रहे हैं, तो यह गृह मंत्रालय की बड़ी असफलता है।


सोनम वांगचुक की यात्रा पर विचार

गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक एक वैज्ञानिक के रूप में पाकिस्तान गए थे। यदि वहां पाकिस्तान के एजेंट घूम रहे हैं और एजेंसियां उन्हें पकड़ नहीं पा रही हैं, तो यह उनकी असफलता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन जाते हैं और शी जिनपिंग से मिलते हैं। उन्होंने मोहम्मद यूनुस से भी हाथ मिलाया है। इसलिए, चीन जाने वाले हर व्यक्ति को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता।