सोनभद्र में खदान हादसे में तीन मजदूरों के शव मिले, 15 अभी भी फंसे
सोनभद्र खदान में मलबा गिरने की घटना
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा स्थित बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में खदान के धंसने से 18 मजदूरों में से तीन के शव बरामद किए गए हैं। अभी भी 15 मजदूर मलबे के नीचे दबे हुए हैं। खदान में पानी भर जाने और रास्ता खराब होने के कारण मलबा हटाने में कठिनाई आ रही है। रास्ता बनाने के लिए मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, और मलबे तक पहुंचने के लिए पत्थर और गिट्टी डालकर रास्ता तैयार किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने भी मौके का दौरा किया और एसपी अभिषेक वर्मा से जानकारी ली। मंडलायुक्त मिर्जापुर राजेश प्रकाश और आईजी मिर्जापुर आरपी सिंह भी घटनास्थल पर मौजूद हैं.
एडीजी जोन की उपस्थिति में रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। सुबह चार बजे मलबे से पहला शव निकाला गया, जिसकी पहचान राजू सिंह के रूप में हुई है। फिलहाल, खनन क्षेत्र में जाने वाले सभी रास्तों को पुलिस ने बंद कर दिया है और किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। स्थानीय निवासी छोटू यादव ने खदान के मालिक और पार्टनर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, क्योंकि उसके दो भाई भी खदान में काम कर रहे थे.
शनिवार शाम लगभग चार बजे, ड्रिलिंग के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा 150 फीट की ऊंचाई से गिर गया। हादसे के समय दो मजदूर वहां से भागने में सफल रहे। घटना की सूचना मिलते ही समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड, जिलाधिकारी बीएन सिंह और एसपी अभिषेक वर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे.
रेस्क्यू के लिए भारी मशीनें मंगाई गईं और अंधेरे में काम करने के लिए लाइट की व्यवस्था की गई। राहत और बचाव कार्य लगभग सवा आठ बजे शुरू हुआ, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें शामिल हैं. एक बचे हुए मजदूर छोटू यादव ने बताया कि उसके दो भाई संतोष और इंद्रजीत भी मलबे में दब गए हैं. डीएम बीएन सिंह ने बताया कि दो मजदूरों की मौत की सूचना मिली है और रात लगभग 12 बजे एक शव बरामद हुआ.
घटना की मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया है। डीएम बीएन सिंह ने इस हादसे की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वागीश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
