सैम पित्रोदा के विवादास्पद बयान पर किरेन रिजिजू का तीखा हमला
सैम पित्रोदा का विवादास्पद बयान
किरेन रिजिजू और सैम पित्रोदा.
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान में अपने “घर जैसा महसूस” करने के बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इस पर सैम पित्रोदा, कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की कि सैम पित्रोदा राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु हैं और उनकी सोच अपने शिष्य के समान है। उन्होंने कहा कि पित्रोदा हमेशा पाकिस्तान द्वारा प्रस्तुत सिद्धांतों का समर्थन करते हैं। रिजिजू ने यह भी कहा कि शाहिद अफरीदी और अन्य पाकिस्तानी लोग राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं।
Mr Sam Pitroda is the political guru of Shri Rahul Gandhi. His mentality and his student’s thinking are same. They always defend same narratives set by Pakistan. https://t.co/Y97SHRbWwC pic.twitter.com/YfNioIFZiN
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 19, 2025
भाजपा ने सैम पित्रोदा और कांग्रेस पर भी हमला किया। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पित्रोदा की टिप्पणी को भारतीय सैनिकों और जनता का “अपमान” बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी के इशारे पर पाकिस्तान का “महिमामंडन” किया है।
राहुल गांधी पर पित्रोदा के बहाने हमला
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भंडारी ने कहा, “यह सैम पित्रोदा का बयान नहीं है। यह राहुल गांधी, सोनिया गांधी और गांधी-वाड्रा परिवार की नीति है। इससे पहले राहुल गांधी ने भी कहा था कि वह भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ना चाहते हैं… गांधी-वाड्रा परिवार का दिल आतंकवादी पाकिस्तान में बसता है। उन्होंने कहा, “गांधी-वाड्रा परिवार को पित्रोदा के बयान के लिए देश के वीर जवानों से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा के हमले के बाद, पित्रोदा ने एक्स पर एक बयान में कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा उन वास्तविकताओं की ओर ध्यान आकर्षित करना रहा है जिनका सामना हम कर रहे हैं।
सैम पित्रोदा का स्पष्टीकरण
उन्होंने कहा, “जब मैंने कहा कि पड़ोसी देशों की यात्रा करके मुझे अक्सर ‘घर जैसा’ महसूस होता है, तो मेरा आशय साझा इतिहास और लोगों के बीच के संबंधों पर जोर देना था – न कि दर्द, संघर्ष या आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को नजरअंदाज करना।”
इसी तरह, जब उन्होंने ‘विश्वगुरु’ की अवधारणा को चुनौती दी और कहा कि यह एक मिथक है कि भारत हमेशा सभी के दिमाग में रहता है, तो वह वास्तविकता से ज्यादा छवि पर अति-आत्मविश्वास के प्रति आगाह कर रहे थे।
