सेलिना जेटली के भाई की रिहाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का हस्तक्षेप

बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली के भाई विक्रांत जेटली की रिहाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। विक्रांत को यूएई में हिरासत में रखा गया है, और अदालत ने सरकार से चार हफ्तों में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। सेलिना ने अपने भाई की सेवा और समर्पण की बात करते हुए सरकार से मदद की अपील की है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और सेलिना की भावनाएं क्या हैं।
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सेलिना जेटली के भाई की रिहाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का हस्तक्षेप

सेलिना जेटली के भाई की मुश्किलें

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सेलिना जेटली के लिए बीते 14 महीने बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं। उनके भाई, मेजर (से.नि.) विक्रांत कुमार जेटली, को सितंबर 2024 से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिरासत में रखा गया है। अब, दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें उम्मीद की एक नई किरण मिली है। अदालत ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है, जो विक्रांत जेटली को कानूनी और चिकित्सीय सहायता प्रदान करेगा।


सेलिना का बयान

सेलिना जेटली ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा कि उनके भाई चौथी पीढ़ी के सैनिक हैं और हमेशा अपने देश के प्रति समर्पित रहे हैं। उन्होंने बताया कि विक्रांत कई खतरनाक मिशनों का हिस्सा रहे हैं और गंभीर चोटों का सामना कर चुके हैं। उनका कहना है, “मैं सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक सैनिक की बहन हूं। मेरे भाई ने अपने देश की सेवा की है और मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार उनके साथ खड़ी होगी।”


विक्रांत की हिरासत

विक्रांत जेटली को कथित तौर पर अपहरण के बाद अबू धाबी में हिरासत में लिया गया था। जानकारी के अनुसार, उन्हें आठ महीने तक अज्ञात स्थिति में रखा गया, जिसके बाद उन्हें एक डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित किया गया। परिवार को उनके हिरासत के कारण या चल रही जांच के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हाल ही में उनका डिटेनी नंबर प्राप्त हुआ, जिसके बाद सेलिना ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।


दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकार से चार सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया गया है, ताकि पीड़ित परिवार और विक्रांत के बीच संवाद स्थापित किया जा सके। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की है।


सेलिना की अपील

सेलिना की ओर से वकील राघव कक्कड़ और माधव अग्रवाल ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत और यूएई के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा। वकील ने बताया कि सरकार इस मामले में उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट देगी। सेलिना जेटली ने अदालत के इस फैसले को "लंबे अंधेरे के बाद रोशनी" बताया है और उम्मीद जताई है कि उनका भाई जल्द ही सुरक्षित भारत लौट सकेगा।


सेलिना का ध्यान अपने भाई पर

सेलिना जेटली को आखिरी बार फ़िल्म 'सीज़ंस ग्रीटिंग' में देखा गया था, लेकिन वर्तमान में उनका पूरा ध्यान अपने भाई की रिहाई पर है। उनका कहना है कि उनका एकमात्र उद्देश्य "अपने सैनिक भाई को घर वापस लाना" है। वह अपने भाई के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित हैं, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी कैद के दौरान उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया है।


सरकार से मदद की अपील

सेलिना ने सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा है कि वह केवल एक बहन के रूप में अपने देश से मदद मांग रही हैं और उन्हें विश्वास है कि भारत सरकार उनके भाई की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेगी। वर्तमान परिस्थितियों में यही उम्मीद उनके लिए सबसे बड़ी ताकत है।