सेना के कर्नल को अवैध संबंध के आरोप में बर्खास्त किया गया

एक जनरल कोर्ट मार्शल ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर के एक कर्नल को अवैध संबंध के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। इस मामले में चार आरोप लगाए गए थे, जिनमें से तीन में कर्नल को दोषी पाया गया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के पीछे की कहानी।
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सेना के कर्नल को अवैध संबंध के आरोप में बर्खास्त किया गया

सेना की कार्रवाई

सेना के कर्नल को अवैध संबंध के आरोप में बर्खास्त किया गया

चंडीगढ़। एक जनरल कोर्ट मार्शल (GCM) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) कोर के एक कर्नल को बुधवार को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। इस अधिकारी को अपने एक सहकर्मी की पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने का दोषी पाया गया। यह कोर्ट मार्शल मई में चंडीगढ़ के ‘एन’ एरिया में शुरू हुआ था। अदालत ने चार में से तीन आरोपों में आरोपी को दोषी ठहराया। यह प्रक्रिया सेना अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत संचालित की गई।

आरोपों और निर्णय के अनुसार, पहला आरोप सेना अधिनियम की धारा 45 के तहत था, जो “एक अधिकारी द्वारा अपने पद और चरित्र के अनुरूप न होने वाले आचरण” से संबंधित है। आरोप था कि सितंबर 2021 से अगस्त 2022 के बीच आरोपी कर्नल ने अपने सहकर्मी की पत्नी से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लगातार संपर्क रखा। इस आरोप में कोर्ट मार्शल ने आरोपी को दोषमुक्त करार दिया। महिला के पति ने अदालत में बताया कि उसे अपनी पत्नी के कॉल डिटेल्स एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए पैकेट में प्राप्त हुए थे।

दूसरा और तीसरा आरोप भी धारा 45 के तहत था, जिसमें कहा गया था कि आरोपी कर्नल सितंबर 2021 में हरिद्वार के होटल रेडिसन ब्लू और अप्रैल 2022 में देहरादून के होटल एनजे पोर्टिको में अपने सहकर्मी की पत्नी के साथ रुका था। इन दोनों आरोपों में आरोपी को दोषी ठहराया गया। चौथा आरोप सेना अधिनियम की धारा 69 के तहत था, जिसमें कहा गया कि आरोपी ने धोखाधड़ी से उस महिला का ‘डिपेंडेंट कार्ड’ इस्तेमाल किया, जबकि वह जानता था कि यह जाली है। इस आरोप में भी अधिकारी को दोषी पाया गया।

गवाही में शिकायत करने वाले कर्नल ने कहा कि उनका विवाह दिसंबर 2006 में हुआ था और वे सुखी दांपत्य जीवन जी रहे थे। लेकिन हरिद्वार की छुट्टी से लौटने और लेह यात्रा के बाद उनकी पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगा। लेह यात्रा के दौरान महिला उसी आवास में ठहरी थी जिसकी व्यवस्था खुद आरोपी कर्नल ने की थी।

महिला ने अदालत में कहा कि वह पिछले 16 वर्षों से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रही थी और अब वह अपने पति के साथ नहीं रह सकती। उसने यह भी कहा कि आरोपी कर्नल उसका बचपन का सहपाठी है और एक 42 वर्षीय वयस्क के रूप में यह उसका अधिकार है कि वह किससे बात करे या न करे। महिला ने आरोपी कर्नल के साथ किसी भी होटल में ठहरने के आरोपों से इनकार किया है।

कोर्ट मार्शल की अध्यक्षता मुख्यालय यूनिफॉर्म फोर्स के ब्रिगेडियर जगमिंदर सिंह गिल ने की, जबकि छह कर्नल इस मामले के सदस्य थे। यह कार्रवाई 8 माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल के. महेश के आदेश पर शुरू की गई थी। कोर्ट मार्शल द्वारा सुनाई गई सेवा से बर्खास्तगी की सजा अब कन्वीनिंग अथॉरिटी की पुष्टि के बाद अंतिम रूप लेगी। सेना के नियमों के अनुसार, किसी भी निर्णय की पुष्टि से पहले संबंधित अधिकारी को अपील का अवसर प्रदान किया जाता है.