सेना अधिकारी द्वारा स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला: गंभीर चोटें और कार्रवाई की मांग

एक सेना अधिकारी ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया, जिससे गंभीर चोटें आईं। इस घटना के बाद एयरलाइन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अधिकारी को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू की। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और एयरलाइन की प्रतिक्रिया।
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सेना अधिकारी द्वारा स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला: गंभीर चोटें और कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली में स्पाइसजेट के कर्मचारियों पर हमला


नई दिल्ली। एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने फ्लाइट में चढ़ने से पहले अपने बैग के अधिक वजन के लिए शुल्क देने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया।


यह घटना 26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुई, जहां एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया और दूसरे का जबड़ा टूट गया। अधिकारी दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने वाले थे और उनके पास 16 किलो के दो बैग थे।


फ्लाइट में चढ़ने के नियमों के अनुसार, बिना अतिरिक्त शुल्क के केवल 7 किलो तक का सामान ही केबिन में ले जाने की अनुमति है। जब एयरलाइन के स्टाफ ने उन्हें अधिक वजन के लिए शुल्क चुकाने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया और जबरन बोर्डिंग ब्रिज की ओर बढ़ने लगे।


यह कार्रवाई सुरक्षा नियमों का उल्लंघन थी, जिसके बाद CISF के एक जवान ने उन्हें वापस गेट पर लाने का प्रयास किया। गेट पर पहुंचते ही अधिकारी का व्यवहार और भी उग्र हो गया और उन्होंने स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया।


सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें अधिकारी हाथ में चेक-इन बोर्ड लेकर कर्मचारियों पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान CISF के जवान ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन अधिकारी ने धमकाते हुए हमला जारी रखा।


स्पाइसजेट ने बताया कि इस हमले में एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ, एक का जबड़ा टूट गया और एक अन्य कर्मचारी के मुंह और नाक से खून बहने लगा। हमला इतना गंभीर था कि एक कर्मचारी मौके पर ही बेहोश हो गया।


इसके बाद स्पाइसजेट ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उस सेना अधिकारी को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एयरलाइन ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।


स्पाइसजेट ने एक बयान में कहा, “हम अपने कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं और इस मामले में पूरी कानूनी कार्रवाई करेंगे।”