सूरत में बुलेट ट्रेन परियोजना का निरीक्षण, 2027 में शुरू होगा पहला खंड

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत में बुलेट ट्रेन परियोजना का निरीक्षण किया, जिसमें भारत का पहला हाई-स्पीड रेल टर्नआउट शामिल है। उन्होंने बताया कि सूरत से बिलिमोरा के बीच पहला परिचालन खंड 2027 में शुरू होगा। इस परियोजना में आधुनिक यात्री सुविधाएँ और नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जो अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को भी लाभ पहुँचाएगी। जानें इस परियोजना की विशेषताएँ और सुविधाएँ।
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सूरत में बुलेट ट्रेन परियोजना का निरीक्षण, 2027 में शुरू होगा पहला खंड

बुलेट ट्रेन परियोजना का निर्माण कार्य

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को सूरत के सरोली क्षेत्र में बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य का दौरा किया। इस परियोजना में भारत का पहला हाई-स्पीड रेल टर्नआउट शामिल है, जो ट्रेनों को 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने की अनुमति देगा। वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना का पहला परिचालन खंड 2027 में सूरत और बिलिमोरा के बीच शुरू होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन का पहला खंड सूरत से बिलिमोरा तक होगा। मैंने स्टेशन और ट्रैक बिछाने के कार्य का निरीक्षण किया, और यह देखकर खुशी हुई कि प्रगति अच्छी है। पटरियों पर काम में कई नई तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो इस बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए विशेष हैं। इन तकनीकों का लाभ देश की अन्य परियोजनाओं में भी मिलेगा।


 


रेल मंत्री ने स्टेशन की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला। सभी ट्रेनें सूरत स्टेशन पर रुकेंगी, जहाँ दो ट्रैक किनारे पर और दो बीच में हैं। यहाँ दो प्लेटफ़ॉर्म हैं - एक मुंबई की दिशा में और दूसरा अहमदाबाद की दिशा में। बीच में एक बड़ा कॉन्कोर्स है। हाई-स्पीड रेल टर्नआउट को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है ताकि जब ट्रेनें 320, 330 या 340 किमी/घंटा की गति से चलें, तो दो ट्रैक के बीच कोई गैप न हो। मैंने कई नई चीजें देखीं और यह सुनिश्चित किया कि सूरत से बिलिमोरा का पहला खंड 2027 में चालू होगा।


 


सारोली साइट पर, बुलेट ट्रेन स्टेशन को आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जिसमें प्रतीक्षालय, नर्सरी, शौचालय, खुदरा दुकानें और खरीदारी की जगहें शामिल हैं। यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए कई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। बुजुर्ग यात्रियों, दिव्यांगजनों और बच्चों वाले परिवारों की आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यात्री-अनुकूल सुविधाएँ, जैसे स्पष्ट संकेत, सूचना कियोस्क और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी जोड़ी जा रही हैं। बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसमें ट्रैक टर्नआउट और निर्माण के लिए जापानी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस तकनीक से देश की कई अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को भी लाभ होगा।