सुषिला कार्की: नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश और जनरेशन Z की पसंदीदा नेता

सुषिला कार्की का चयन
जनरेशन Z आंदोलन द्वारा चुनी गई नेता सुषिला कार्की हैं, जो नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। वे इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। कार्की ने 11 जुलाई, 2016 को मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण किया।
महत्वपूर्ण घटनाक्रम
2017 में, उनके खिलाफ संसद में एक महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस ने प्रस्तुत किया था। हालांकि, जन दबाव और सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया।
शिक्षा और करियर
सुषिला कार्की ने 1975 में महेंद्र मोरंग कैंपस, बिराटनगर से कला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
कार्की ने 1979 में बिराटनगर में कानून का अभ्यास शुरू किया। इससे पहले, उन्होंने 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षक के रूप में थोड़े समय तक काम किया। 2007 में, वे वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं।
उन्हें 22 जनवरी, 2009 को सर्वोच्च न्यायालय में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 18 नवंबर, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं।
उन्होंने 13 अप्रैल, 2016 से 10 जुलाई, 2016 तक सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 11 जुलाई, 2016 से 7 जून, 2017 तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहीं।
साहित्यिक करियर
सुषिला कार्की ने एक लेखक के रूप में भी पहचान बनाई है। उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक न्याय 28 सितंबर, 2018 को प्रकाशित हुई। उनका दूसरा उपन्यास कारा दिसंबर 2019 में जारी किया गया, जो बिराटनगर जेल में सेट है, जहां वे पंचायती शासन के दौरान कैद थीं।