सुलक्षणा पंडित और संजीव कुमार की अनकही प्रेम कहानी
सुलक्षणा पंडित और संजीव कुमार का अद्भुत संयोग
6 नवंबर: संजीव कुमार और सुलक्षणा पंडित के निधन की तारीख
अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित और अभिनेता संजीव कुमार की अधूरी प्रेम कहानी उनके प्रशंसकों के लिए एक रहस्य बनी हुई है। यह किसी ने नहीं सोचा था कि उनका अंत इस तरह होगा। सुलक्षणा ने अपने प्रेमी संजीव कुमार की यादों के सहारे जीवन बिताया और उसी दिन उनका निधन हुआ, जिस दिन संजीव कुमार का निधन हुआ था, यानी 6 नवंबर। यह एक दुर्लभ संयोग है। अब दोनों की पुण्यतिथि एक ही दिन मनाई जाएगी, जो एक अद्भुत संयोग है।
जब मैं 6 नवंबर को संजीव कुमार पर एक श्रद्धांजलि लेख लिख रहा था, तो सुलक्षणा पंडित का जिक्र करना अनिवार्य था। उनकी प्रेम कहानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की कई अधूरी प्रेम कहानियों में से एक है। यह एक दिल को छू लेने वाला किस्सा है, जिसमें रोमांस और भावनाएं शामिल हैं।
संगीत की विरासत से जुड़ी सुलक्षणा
सुलक्षणा पंडित केवल एक अभिनेत्री नहीं थीं, बल्कि एक बहुआयामी कलाकार थीं। वह एक प्रसिद्ध संगीत परिवार से ताल्लुक रखती थीं, जहां शास्त्रीय संगीत की परंपरा थी। उनके पिता नारायण प्रताप एक शास्त्रीय गायक थे, और उनके चाचा पंडित जसराज की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी। सुलक्षणा ने नौ साल की उम्र से ही कला की दुनिया में कदम रखा।
संजीव कुमार से पहली मुलाकात
संजीव कुमार की शख्सियत भी अद्वितीय थी। वह केवल एक फिल्म स्टार नहीं थे, बल्कि एक सच्चे कलाकार थे। उनकी और सुलक्षणा की पहली मुलाकात 1975 में फिल्म उलझन के सेट पर हुई थी। उस समय तक संजीव कुमार ने कई सफल फिल्मों में काम किया था। सुलक्षणा उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उन पर मोहित हो गईं।
संजीव कुमार का इनकार
हालांकि, संजीव कुमार का दिल उस समय की एक और प्रमुख अभिनेत्री हेमा मालिनी पर था। उनकी मुलाकात 1972 में फिल्म सीता और गीता के सेट पर हुई थी। संजीव कुमार ने हेमा से प्रेम का इजहार किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इस निराशा ने संजीव कुमार को शराब की लत में धकेल दिया।
सुलक्षणा का प्यार और संघर्ष
सुलक्षणा ने संजीव कुमार से शादी के लिए कई बार कहा, लेकिन उन्होंने हमेशा मना कर दिया। संजीव कुमार के निधन के बाद, सुलक्षणा ने अपने जीवन को अकेलेपन में बिताने का निर्णय लिया। उन्होंने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया और अपने परिवार के सहारे जीवन बिताया।
संगीत में भी पहचान
सुलक्षणा पंडित एक प्रसिद्ध गायिका भी थीं। उन्होंने कई प्रसिद्ध गायक कलाकारों के साथ गाने गाए हैं। उनके गाए हुए कुछ प्रसिद्ध गीतों में 'पापा जल्दी आ जाना' और 'तू ही सागर है तू ही किनारा है' शामिल हैं।
सुलक्षणा ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन संजीव कुमार के निधन के बाद उन्होंने अभिनय को अलविदा कह दिया। उनकी आखिरी फिल्म 1988 में आई 'दो वक्त की रोटी' थी।
