सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक के खिलाफ झूठे आरोपों पर याचिका

गीतांजलि आंगमो की याचिका
लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी, गीतांजलि आंगमो, ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने पति के खिलाफ चल रहे 'झूठे और सुनियोजित अभियान' पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वांगचुक पर पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध होने के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और इन्हें केवल उनके गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है.
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत
गीतांजलि ने अपनी याचिका में बताया कि वांगचुक की हिरासत के बाद उनके खिलाफ गलत प्रचार किया गया है। इसमें यह कहा गया है कि उनके पाकिस्तान और चीन से संबंध हैं, जो पूरी तरह से गलत है। उनका आंदोलन लद्दाख की संवेदनशील पारिस्थितिकी, ग्लेशियरों और स्थानीय लोगों की आजीविका की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है.
लोकतांत्रिक असहमति पर खतरा
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस तरह का प्रचार खतरनाक है और लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करता है। यह पर्यावरणीय आंदोलनों को 'राष्ट्रविरोधी' के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। गीतांजलि ने अदालत से अपील की कि वांगचुक की गिरफ्तारी उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और लद्दाख की सामूहिक चेतना को भी चोट पहुँचाती है.
गांधीवादी आंदोलन का समर्थन
गीतांजलि ने वांगचुक के गांधीवादी चरित्र पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से लद्दाख की समस्याओं, पिघलते ग्लेशियरों और स्थानीय लोगों की संवैधानिक मांगों, विशेष रूप से छठी अनुसूची के तहत संरक्षण और स्वायत्तता के लिए आवाज़ उठाई है.
प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तारी
यह ध्यान देने योग्य है कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख में बड़े प्रदर्शनों के बाद रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन प्रदर्शनों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई थी। प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हुई और लगभग 90 लोग घायल हुए। वांगचुक वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं.
पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चिंता
उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी समूहों ने चिंता व्यक्त की है और इसे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलनों को दबाने की कोशिश बताया है.