सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए याचिका दायर

सोनम वांगचुक की पत्नी की अपील

सोनम वांगचुक और उनकी पत्नी.
जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने वाले सोनम वांगचुक की पत्नी, गीतांजलि जे अंगमो, ने उनकी नजरबंदी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की है, जिन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था।
इससे पहले, लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों में चार लोगों की जान चली गई थी और 90 लोग घायल हुए थे। वांगचुक वर्तमान में जोधपुर जेल में बंद हैं।
याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक का जोधपुर में स्थानांतरण, छात्रों और कर्मचारियों का उत्पीड़न, और उन्हें विदेशी संस्थाओं से जोड़ने का झूठा प्रचार, लोकतांत्रिक असहमति और शांतिपूर्ण पर्यावरण सक्रियता को दबाने के लिए किया गया है।
सोनम वांगचुक की छवि को धूमिल करने का आरोप
सोनम वांगचुक को बदनाम करने का आरोप
गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान-चीन संबंधों का हवाला दिया गया है, जबकि उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता के लिए काम किया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके खिलाफ एक झूठा और व्यवस्थित अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान और चीन के साथ संबंधों का संदर्भ दिया जा रहा है।
इसका उद्देश्य लद्दाख की पारिस्थितिकी और उसके लोगों की आजीविका की रक्षा के लिए चल रहे गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करना है।
लोकतांत्रिक असहमति को दबाने का प्रयास
लोकतांत्रिक असहमति को दबाने का प्रयास
याचिका में कहा गया है कि यह प्रचार न केवल निराधार है, बल्कि खतरनाक भी है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक असहमति को कलंकित करने का प्रयास करता है। वांगचुक ने हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम किया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि वांगचुक की हिरासत अवैध है, क्योंकि उन्हें हिरासत के आदेश की प्रति नहीं दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका के मुख्य बिंदु
सोनम वांगचुक की पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय से की ये फरियाद
- प्रतिवादियों को सोनम वांगचुक को न्यायालय में पेश करने का निर्देश दें।
- याचिकाकर्ता को उनके पति से मिलने की अनुमति दें।
- सोनम वांगचुक को आवश्यक दवाइयां और अन्य बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराएं।
- प्रतिवादियों को नजरबंदी के आदेश और उसके आधार प्रस्तुत करने का निर्देश दें।
- सोनम वांगचुक की हिरासत को अवैध घोषित करें।
- उनकी अवैध हिरासत को रद्द करें और उन्हें तुरंत रिहा करें।
- प्रतिवादियों को वांगचुक की मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दें।
- हिमालय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स के सदस्यों का उत्पीड़न बंद करें।